सरकारी नौकरियों में दिव्यांगो की भूमिका,पढ़े इस खबर को

बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण
डॉ. हेमंत कुमार चंद्रचूड़
राजकीय बौद्धिक दिव्यांग जन पुनर्वास संसथान, चंडीगढ़

          बेंचमार्क दिव्यांगजन से तात्पर्य दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम (आरपीडब्ल्यूडी एक्ट), 2016 में उल्लिखित 21 प्रकार के सभी दिव्यांगजन जैसे गति विषयक या लोकोमोटर दिव्यांग, सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ उपचारित व्यक्ति, बोनेपन वाले, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, एसिड हमले से पीड़ित, नेत्रहीन, कम दृष्टि, बधिर, ऊंचा सुनने वाले, स्पीच एवं लैंग्वेज दिव्यांगता वाले, बौद्धिक दिव्यांग, विशिष्ट अधिगम दिव्यांग, ऑटिस्टिक, मानसिक रुग्ण, बहू स्क्लेरोसिस, पार्किंसन रोग वाले, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल डिजीज एवं बहु- दिव्यांग व्यक्तियों से है, जिनके विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र अथवा यूडी आईडी कार्ड में स्थाई दिव्यांगता 40% अथवा इससे अधिक अंकित किया गया हो अथवा किसी अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी के द्वारा स्थाई दिव्यांगता 40% अथवा अधिक प्रमाणित किया गया हो।

उपयुक्त (सूटेबल) नौकरियों/पदों की पहचान

दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 33 के तहत बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण हेतु इनके सूटेबल पदों की पहचान और इसके लिए संबंधित दिव्यांग जनों के प्रतिनिधित्व के साथ एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का प्रावधान है।

हाल ही में 4 जनवरी 2021 को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय  के द्वारा  भारत सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों में दिव्यांग व्यक्तियों के सूटेबल कुल 3566 (तीन हजार पांच सौ छियासठ) प्रकार के सरकारी पदों की पहचान कर इसकी सूची जारी की गई है।  इन पदों को ग्रुप ए, बी, सी एवं डी की श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ग्रुप ए की श्रेणी में कुल 1046 प्रकार के पदों को, उदाहरण स्वरूप महाप्रबंधक (वित्त), सचिव, मुख्य प्रशासन अधिकारी, मुख्य अभियंता, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी इत्यादि ; ग्रुप बी की श्रेणी में कुल 515 प्रकार के पदों जैसे वरिष्ठ लेखाधिकारी, कार्यालय अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी), पीजीटी इत्यादि को,  ग्रुप सी में कुल 1724 पदों , जैसे कार्यालय सहायक, क्लर्क सह टाइपिस्ट, मैकेनिक, बढ़ई, उद्यान पर्यवेक्षक, मुख्य रसोईया, कपड़े धोने का प्रबंधक इत्यादि को, जबकि ग्रुप डी में कुल 281 प्रकार के पदों , जैसे चपरासी, अटेंडेंट, लिफ्टमैन, सेमी स्किल्ड वर्कर, वार्ड बॉय, वार्ड आया, दाई एवं स्वीपर इत्यादि को  शामिल किया गया है।

बेंच मार्क दिव्यांग व्यक्ति सिर्फ उन्हीं पदों के लिए आवेदन दे सकते हैं, जिन पदों की पहचान संबंधित श्रेणी के दिव्यांगों के लिए सूटेबल पदों के रूप में की गई है।

आरक्षण की प्रतिशतता 

केंद्र सरकार की सेवाओं में दिव्यांगता के विभिन्न श्रेणियों के लिए कुल 4 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किए गए हैं। इसका विवरण इस प्रकार है –
क. नेत्रहीनता एवं अल्प दृष्टि वाले दिव्यांगों के लिए 1% पद आरक्षित किए गए हैं।
ख.  बधिर एवं ऊंची आवाज सुनने वाले दिव्यांगों के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण।
ग.  गतीविषयक अथवा लोको मोटर दिव्यांगता, जिसमें सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ रोग मुक्त, बौनेपन, एसिड हमले से पीड़ित एवं मस्कुलर डिस्ट्रॉफी शामिल हैं, को 1 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है।
घ. ऑटिज्म, बौध्दिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता तथा मानसिक रुग्णता एवं
च. बहु दिव्यांगता जिसमें क से घ श्रेणी के दिव्यांगता तथा डेफब्लाइंड भी शामिल हैं को 1 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है।

इस प्रकार यहां स्पष्ट है कि स्पीच एंड लैंग्वेज दिव्यांगता, बहू स्क्लेरोसिस, पार्किंसन रोग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया एवं सिकलसेल रोग वाले बेंचमार्क दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण से अलग रखा गया है। इन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण के अलावे दिव्यांगों के लिए प्रदत अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
       सरकारी नौकरियों में आरक्षण हेतु  बेंच मार्क दिव्यांगता वाले किसी भी श्रेणी विशेष के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।

सीधी भर्ती के मामले में आरक्षण की आपसी अदला-बदली और फॉरवर्ड किया जाना

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 32 (2) के अनुसार जब कोई रिक्ति किसी भर्ती वर्ष में सूटेबल बेंचमार्क दिव्यांगजन की अनुपलब्धता के कारण अथवा कोई अन्य पर्याप्त कारणवश भरी नहीं जा सकेगी तो ऐसी रिक्ति आगमी भर्ती वर्ष के लिए फॉरवर्ड कर दी जाएगी और यदि आगामी भर्ती वर्ष में भी सूटेबल बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति उपलब्ध नहीं होता हो तो पहले यह पांच श्रेणियों के बीच इंटरचेंज के द्वारा भरी जाएगी और केवल जब उक्त वर्ष में भी सूटेबल दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है तो नियोक्ता दिव्यांगजन के अलावा किसी अन्य योग्य व्यक्ति की नियुक्ति कर रिक्त पद को भर सकेगा।

अनारक्षित रिक्तियों पर नियुक्ति

बेंचमार्क दिव्यांगों के संबंधित श्रेणी के लिए सूटेबल पदों के रूप में पहचान की गई अनारक्षित रिक्तियों पर नियुक्ति के लिए  प्रतिस्पर्धा करने से इन्हें मना नहीं किया जा सकता। अर्थात, बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति को किसी अनारक्षित रिक्ति पर नियुक्त किया जा सकता है; बशर्ते कि वह पद संबंधित श्रेणी के दिव्यांगजन के लिए सूटेबल के रूप में पहचाना गया हो।

अपनी ही योग्यता पर चयनित उम्मीदवारों का समायोजन

मानदंडों में बिना किसी रिलैक्सेशन के, अपनी ही योग्यता के आधार पर, अन्य उम्मीदवारों के साथ चुने गए बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति रिक्तियों के आरक्षित भाग में समायोजित नहीं किए जाएंगे। आरक्षित रिक्तियां दिव्यांगता ग्रस्त पात्र उम्मीदवारों में से अलग से भरी जाएगी, जिनमें ऐसे बेंचमार्क दिव्यांग उम्मीदवार शामिल होंगे जो योग्यता सूची में अंतिम उम्मीदवार से नीचे होंगे परंतु, नियुक्ति हेतु उपयुक्त पाए जाएंगे (यदि आवश्यक हो तो रिलैक्स्ड मानदंडों से)।

ऐसा सीधी भर्ती एवं पदोन्नति दोनों मामलों में लागू होगा, जहां दिव्यांगों के लिए आरक्षण स्वीकार्य है।

आरक्षण की गणना

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की गणना निर्दिष्ट पदों की संख्या के आधार पर नहीं बल्कि, कैडर में कुल रिक्तियों की संख्या के आधार पर की जाएगी। अर्थात, कैडर में दिव्यांगों के लिए पहचान किए गए सूटेबल पदों के साथ-साथ दिव्यांगों के लिए पहचान नहीं किए गए पद भी इसमें शामिल होंगे। जबकि, इनकी नियुक्ति सिर्फ दिव्यांगों के लिए पहचान किए गए सूटेबल पदों पर की जाएगी।

आरक्षण लागू करना – रोस्टरों का रखरखाव

बेंचमार्क दिव्यांगजन के लिए आरक्षण निर्धारित करने/ लागू करने के लिए सभी स्थापना/ एस्टेब्लिशमेंट के द्वारा निर्धारित प्रपत्र में अलग-अलग पदों के लिए श्रेणी वार 100 बिंदुओं वाला आरक्षण रोस्टर बनाए जाते हैं। अर्थात् सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “ए” पदों के लिए, सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “बी” पदों के लिए, सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “सी” के पदों के लिए, पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “सी” पदों के लिए, सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “डी” पदों के लिए और पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने वाले समूह “डी” पदों के लिए अलग-अलग एक आरक्षण रोस्टर होगा।

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए होरिजेंटल आरक्षण

  पिछड़े वर्ग के नागरिकों जैसे अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को वर्टिकल आरक्षण कहा जाता है और दिव्यांग व्यक्तियों एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण को होरिजेंटल आरक्षण कहा जाता है। होरिजेंटल आरक्षण और वर्टिकल आरक्षण आपस में मिल जाते हैं, जिसे इंटरलॉकिंग आरक्षण कहा जाता है। और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए निर्धारित कोटे में से चुने गए व्यक्तियों को अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों/ अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए बनाए गए रोस्टर में उनकी श्रेणी के आधार पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़े वर्ग/ सामान्य वर्ग की उपयुक्त श्रेणी में रखा जाता है।

आयु सीमा में छूट

  दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट इस प्रकार होगी
क. ग्रुप “सी” और ग्रुप “डी” पदों पर सीधी भर्ती के मामलों में 10 वर्ष (अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों के लिए 15 वर्ष और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 13 वर्ष).
ख.  ग्रुप “ए” और ग्रुप “बी” के ऐसे पदों के मामले में जिन पर सीधी भर्ती खुली प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से नहीं की जाती 5 वर्ष (अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों के लिए 10 वर्ष और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 8 वर्ष) और
ग. ग्रुप “ए” और ग्रुप “बी” पदों पर खुली प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से सीधी भर्ती के मामले में 10 वर्ष (अनुसूचित जातियों /अनुसूचित जनजातियों के लिए 15 वर्ष और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 13 वर्ष).
     आयु सीमा में निर्दिष्ट छूट लागू रहेगी, भले ही पद आरक्षित हो अथवा नहीं बशर्ते कि पद, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सूटेबल माना गया हो।

उपयुक्तता मानदंडों में छूट

यदि दिव्यांग व्यक्ति के लिए आरक्षित सभी रिक्तियों को भरने के लिए सामान्य मानदंडों के आधार पर इस श्रेणी के उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होते हैं, तो उनके लिए आरक्षित शेष रिक्तियों को भरने के लिए मानदंडों में ढील देकर इस श्रेणी के उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, बशर्ते कि वे ऐसे पद अथवा पदों के लिए सूटेबल हैं।

स्वास्थ्य परीक्षा

मूल नियमावली के नियम 10 के अनुसार, सरकारी सेवा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक नए व्यक्ति को अपनी प्रारंभिक नियुक्ति के समय सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया स्वास्थ्य उपयुक्तता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अपेक्षित होता है। दिव्यांग व्यक्तियों की, एक विशिष्ट प्रकार की दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा धारित किए जाने हेतु उपयुक्त समझे गए पद पर नियुक्ति हेतु स्वास्थ्य परीक्षण के मामले में संबंधित चिकित्सा अधिकारी अथवा बोर्ड को इस संबंध में यह पूर्व सूचित किया जाएगा कि यह पद संगत श्रेणी की दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा धारित किए जाने के लिए उपयुक्त माना गया है और तब उम्मीदवार का स्वास्थ्य परीक्षण इस तथ्य को ध्यान में रखकर किया जाएगा।

परीक्षा शुल्क और आवेदन शुल्क से छूट

दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न पदों पर भर्ती हेतु कर्मचारी चयन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग आदि द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में विहित आवेदन शुल्क और परीक्षा शुल्क के भुगतान से छूट प्राप्त है। यह छूट केवल उन्हीं व्यक्तियों को उपलब्ध होगी जो यूडीआईडी कार्ड अथवा किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आपेक्षित दिव्यांगत प्रमाण पत्र संगलग्न करते हैं।

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