जयपुर। राज्य सरकार ने प्रतियोगी परीक्षा के परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए नि:शुल्क सफर देने के लिए घोषणा तो कर दी मगर धरातल पर संसाधन नहीं देखे। संसाधन के नाम पर रोडवेज के पास केवल 3500 बसें हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी लाखों की संख्या में हैं। इसके साथ ही रोजाना आने-जाने वाले लाखों यात्री अलग हैं। 3500 बसें इतने अधिक यात्रियों को सफर कैसे करवाएं? इसी का नतीजा है कि घोषणा के बाद पहली बार हुई दो बड़ी भर्ती परीक्षाओं में ही सरकारी इंतजामों की कलई खुल गई। अव्यवस्थाएं इतनी अधिक हो गई कि दर्जनों सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों का अमला लगाने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। आगामी दिनों में कई भर्ती परीक्षा होने वाली है। ऐसे में अगर सरकार ने जल्द व्यवस्थाएं नहीं सुधारी तो परिवहन व्यवस्था पूरी बेपटरी हो जाएगी। —————————- मंगलवार को भी रही भारी भीड़, शहर में लगा जाम सोमवार को देर रात व मंगलवार अलसुबह तक सिंधी कैम्प व आस-पास के इलाकों में अभ्यर्थियों की भीड़ रही। मंगलवार दोपहर से फिर अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। मंगलवार को भी 70 अतिरिक्त बसें लगाई गई। इतना ही नहीं भर्ती परीक्षा को देखते हुए रेलवे ने भी विशेष ट्रेन चलाई। ट्रेन रात 1.15 बजे जयपुर जंक्शन से रवाना होकर सुबह 5.45 बजे कोटा पहुंची। वहीं कोटा से रात 7.45 बजे रवाना होकर मध्य रात्रि 12.15 पर जयपुर तक पहुंचेगी। यह व्यवस्था बुधवार को भी जारी रहेगी। ये इंतजाम भी नाकाफी दिखे। इसके बाद भी अभ्यर्थियों का जमावड़ा इतना अधिक हो गया कि सिंधी कैम्प, खासा कोठी, पोलोविक्ट्री, चांदपोल, कलक्ट्रेट सहित आस-पास के पूरे इलाके में जाम लग गया। —————————– इधर, रीट की तैयारी लगा पूरा परिवहन विभाग, रोडवेज के साथ निजी बसों का भी किया जा रहा इंतजाम नीट व एसआइ भर्ती जैसी अव्यवस्था 26 सितम्बर को होने वाली रीट परीक्षा में न फैले, इसके लिए राज्य सरकार ने रोडवेज के साथ-साथ पूरे परिवहन विभाग को व्यवस्थाओं में लगा दिया है। मंगलवार को सुबह से सभी आरटीओ, डीटीओ व मुख्यालय के अधिकारियों की मैराथन बैठकें हुई। परीक्षा में 16 लाख 75 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। वहीं 200 स्थानों पर 4 हजार से अधिक सेंटर हैं। परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि सभी आरटीओ-डीटीओ को अपने क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था के लिए 23 सितंबर से कंट्रोल रूम शुरू करेंगे। सभी अधिकारी अपने जिला प्रशासन, रेलवे, रोडवेज, टैक्सी, सिटी बस ऑपरेट्र्स यूनियन, संचालकों से समन्वय बनाया जा रहा है।