जोधपुर. नागौर निवासी विमला का दाहिना हाथ क्रेशर के अन्दर गत 10 अगस्त को आ गया। हादसा इतना खतरनाक था कि मरीज के कोहनी से नीचे क्रेशर से पूरा हाथ कटकर अलग हो गया। मरीज के परिजन नागौर से मरीज को तुरंत गोयल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां दस घंटे चले ऑपरेशन के बाद सफलतापूर्वक चिकित्सकों ने मरीज का हाथ जोड़ दिया।
हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुशील नाहर ने बताया कि मरीज का कटा हुआ हाथ पूरी तरह से कुचला हुआ और मांसपेशियां हड्डियों से अलग हो गई थी, जिसे ऑपरेशन कर जोड़ा गया। मरीज की सभी अंगुलियों में खून का प्रवाह बराबर देखा जा रहा है और हाथ की अंगुलियों में भी अब हलचल है। निदेशक डॉ. आनन्द गोयल ने बताया कि परिजन 6 घण्टे के अन्दर मरीज को हॉस्पिटल ले आए थे। इससे हाथ प्रत्यारोपण का ऑपरेशन जल्दी शुरू हो गया। ज्यादा देरी होने पर मरीज का हाथ पुन: जुडऩा मुश्किल था।
डॉ. नाहर के अनुसार कटे अंग को बर्फ के सीधे सम्पर्क में नहीं आना चाहिए। कटे अंग को प्लास्टिक थैली में डालकर आइस बॉक्स में लेकर आना चाहिए। इससे कटा हुआ अंग लम्बे समय तक जीवित रखा जा सकता है। प्रत्यारोपण सर्जरी टीम में प्लास्टिक आर्थोसर्जन डॉ. नरेन्द्र यादव, एनेस्थेटिस्ट डॉ. शोभा पारिख, ओटी स्टाफ चम्पालाल, रतन, विकास, गिरधर एवं एसएस शेखावत भी शामिल थे।