जापान में जारी पैरालंपिक में जहां खिलाड़ी पदक जीतकर अपने देश का नाम रोशन करने में जुटे हैं, वहीं कुछ खिलाड़ी बेहद छोटे से अंतर से पदक की रेस से बाहर भी हो रहे हैं। लेकिन क्या हो अगर किसी ने अपने देश के लिए पदक जीत लिया हो और सिर्फ प्रतियोगिता में सिर्फ कुछ मिनट देर पहुंचने की वजह से उससे वह मेडल वापस ले लिया जाए। ऐसा ही एक वाकया हुआ शॉटपुट (गोला फेंक) के इवेंट में, जहां मलेशिया के एथलीट ने गोल्ड मेडल जीता, लेकिन महज तीन मिनट देरी से पहुंचने के लिए उसे यह पदक वापस लौटाना पड़ा।
क्या था पूरा मामला?
पैरालंपिक में शॉटपुट की प्रतियोगित मंगलवार को हुई थी। इसमें मलेशिया के शॉट पुट खिलाड़ी जियाद जोल्केफ्ली जब हिस्सा लेने पहुंचे, तो प्रतियोगिता शुरू हुए तीन मिनट हो चुके थे। उनके साथ दो और खिलाड़ी देरी से पहुंचे थे। इंटरनेशनल पैरालंपिक कमेटी (आईपीसी) के प्रवक्ता क्रेग स्पेंस के मुताबिक, लेट हुए खिलाड़ियों को कॉम्पटीशन में इसलिए हिस्सा लेने दिया गया, क्योंकि उनके पास देरी से पहुंचने की कुछ वजहें हो सकती थीं, जिन्हें सुने बिना उन्हें रोकना ठीक नहीं था। हमने फैसला किया कि उनकी वजहों को बाद में सुना जाएगा और पूरे मामले की जांच की जाएगी।
प्रतियोगिता में जियाद ने स्वर्ण पदक जीत लिया। लेकिन रेफरी ने पूरे मामले की जांच के बाद फैसले में कहा कि लेट हुए एथलीट्स ने देरी के पीछे कोई तर्कसंगत बात नहीं की। इसके चलते जियाद से स्वर्ण पदक वापस ले लिया गया।
सोशल मीडिया यूजर्स ने जताई सहानुभूति
इस घटना के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने जियाद के साथ सहानुभूति जताई। एक यूजर ने ट्वीट में कहा, “आपने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हमारे हीरो जियाद जोल्केफ्ली, अगली बार और मजबूती से वापसी कीजिएगा।” कुछ और यूजर्स ने इस प्रतियोगिता में सिल्वर जीतने वाले यूक्रेन के मैक्सिम कोवाल पर निशाना साधा, जिन्हें जियाद के बाहर होने की वजह से स्वर्ण पदक सौंप दिया गया।
आईपीसी के प्रवक्ता ने कोवाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे बयानों पर दुख जताया और कहा, “नियम नियम होते हैं और इसीलिए फैसला लिया गया। इसमें यूक्रेन के खिलाड़ी की तो कोई गलती नहीं कि मलेशिया का खिलाड़ी देर से इवेंट में हिस्सा लेने पहुंचा।” बता दें कि प्रतियोगिता से जियाद के बाहर होने के बाद यूक्रेन के कोवाल को स्वर्ण और उनके हमवतन ओलेक्सांद्र यारोविल को सिल्वर दिया गया। वहीं ग्रीस के एफ्स्ट्राटियोस निकोलाइडिस को कांस्य पदक मिला।