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नीरपुर में जागरूकता शिविर आयोजित

नीरपुर में जागरूकता शिविर आयोजित

भगवत शर्मा/दिव्यांग जगत न्यूज

नारनौल,। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन रवि कुमार सौंधी के दिशा निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजलि जैन के मार्गदर्शन में आज महिला समानता दिवस के अवसर पर गांव में नीरपुर में पैनल अधिवक्ता गिरिबाला यादव ने जागरूकता शिविर में कानूनी जानकारी दी।

अधिवक्ता गिरिबाला यादव ने कहा कि महिला समानता दिवस एक दिन मनाने का ही दिवस नहीं है अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का भी हर दिन समानता दिवस है। 26 अगस्त को महिला दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत न्यूजीलैंड में 1893 में हुई थी। भारत में आजादी के बाद से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्राप्त तो था लेकिन पंचायतों तथा नगर निकायों में चुनाव लड़ने का कानूनी अधिकार 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से मिला। इसी का परिणाम है कि आज भारत की पंचायतों में महिलाओं की 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी है। अमेरिका में 26 अगस्त 1920 को 19 वें संविधान संशोधन के माध्यम से पहली बार महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। इसके पहले वहां महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नाभिक का दर्जा प्राप्त था। महिलाओं को समानता का दर्जा दिलाने के लिए लगातार संघर्ष करने वाली एक महिला वकील बेल्ला अब्जुगआ के प्रयास से 1971 से 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद महिलाओं की स्थिति को गौर करने के लायक है। यहां वो सभी महिलाएं नजर आती हैं जो सभी प्रकार के भेदभाव के बावजूद प्रत्येक क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं। सभी उन पर गर्व महसूस करते हैं। इस कतार में उन सभी महिलाओं को भी शामिल करने की जरूरत है जो हर दिन अपने घर में समाज में महिला होने के कारण और समानता को छेड़ने के लिए विवश है। चाहे वह घर में बेटी, पत्नी , मां या बहन होने के नाते हो या समाज में एक लड़की होने के नाते हो। महिलाओं में आज के युग में बदलाव काफी दिख रहा है। पहले जहां महिलाएं घरों से नहीं निकलती थी वही अब अपने हक की बात कर रही है। महिलाओं के सामाजिक समता ,स्वतंत्रता और न्याय के राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका नारीवादी आंदोलनों ने निभाई है। महिला शक्तिकरण भौतिक या आध्यात्मिक, शारीरिक या मानसिक सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।

इसके अलावा आज गांव गुजरवास में भी कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में अधिवक्ता सुरेश कुमार ने कैंप में कानूनी जानकारी दी।

इस अवसर पर राजेंद्र लंबरदार, मधुरानी, महादेवी, प्रेमलता, कविता, शकुंतला, संतरा, कमला, ममता, बृजेश, विद्या, वीरमति, सुपारी, संजना आदि उपस्थित थे।

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