सुखदेव भगत सिंह और राजगुरु की फांसी को टाला जा सकता था -सत्यव्रत शास्त्री

सुखदेव भगत सिंह और राजगुरु की फांसी को टाला जा सकता था -सत्यव्रत शास्त्री

{पंडित पवन भारद्वाज }{दिव्यांग जगत अलवर }
भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के युवा मोर्चा द्वारा शहीदी दिवस का आयोजन हरियाणा के 307 मंडलों पर किया गया। इसी क्रम में महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल विधानसभा के भूषण मंडल का कार्यक्रम नसीबपुर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हरियाणा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री रहे सत्यव्रत शास्त्री ने उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजगुरु सुखदेव भगत सिंह तीनों मात्र 23 वर्ष की उम्र में अपने वतन पर मर मिटे। जिस कारण से इन तीनों के नाम से आज देश में शहीदी दिवस के रूप में उन्हें याद किया जाता है जिस समय भगत सिंह राजगुरु सुखदेव पर अभियोग चल रहा था उस समय देश में इन युवाओं को बचाने की मुहिम भी चल रही थी कांग्रेस का एक धड़ा गांधी नेहरू पर यह दबाव बना रहा था कि इन युवाओं की बहुत छोटी उम्र है देश के लिए बहुत काम कर सकते हैं इसलिए अंग्रेजी सत्ता से बात कर इनको फांसी टालनी चाहिए ।लेकिन नेहरू और गांधी ने ईमानदारी से इस विषय में कोई काम नहीं किया बल्कि मैं यह कहता हूं कि इस काम के लिए अंग्रेज का साथ दिया क्रांतिकारियों में भी एकमत यह था इन तीनों को जेल से छुड़ाया जाए उसके लिए चाहे जेल ही क्यों न तोड़नी पड़े और इस क्रम में भगवती चरण वोहरा ने बम बना कर जेल तोड़ने की योजना बनाई परंतु दुर्भाग्य से बम का ट्रायल करते समय भगवती चरण वोहरा घायल हो गए और वह बात ना बन सकी ।परंतु लाहौर और उसके आसपास उस समय जनसामान्य में ऐसा वातावरण बन चुका था की संपूर्ण क्षेत्र इकट्ठा होकर इस जेल को तोड़कर उन लोगों को निकालना चाहिए ।अंग्रेजों को इस बात का पता चला तो उन्होंने 1 दिन पूर्व और रात को ही इन तीनों क्रांतिकारियों को फांसी देकर उन्हें खुर्द बुर्द करने की कोशिश की ।देश में इन तीनों की शहादत पर राष्ट्रभक्ति का ज्वार उमड पड़ा और आजादी का आंदोलन तेजी पकड़ने लगा। सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि भगत सिंह जन्मजात क्रांतिकारी थे उनके दादा उनके पिता और चाचा सभी आजादी की लड़ाई में आर्यसमाज के माध्यम से हिस्सा लेते थे और अनेक बार जेल यात्राएं की दादा और पिता की गोद में ही उन्होंने आजादी की लड़ाई के संस्कार मिल गए थे। भारतीय जनता पार्टी अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए शहीदों को नमन करने का कार्यक्रम निरंतर चला रही है 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जय हीन्द बोस का नारा दिया चंद्रशेखर आजाद की याद में वंदे मातरम कार्यक्रम आयोजित किए गए और शहीदी दिवस पर आज मेरा रंग दे बसंती चोला कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा भर में करके शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रही है कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र झिमरिया, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जोगेंद्र राजपूत, जिला महामंत्री नवीन यादव, संदीप ठेकेदार व एक कार्यक्रम कोजिंदा की ढाणी में भी शहीदों को याद करने का किया गया जिसमें आसपास के अनेकों युवाओं ने शहीदों को अपने पुष्प अर्पित किए जिसमें युवा नेता सिकंदर सैनी जले सिंह सैनी समेत अनेक युवा उपस्थित रहे।

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