जैन संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज नहीं रहे, वर्तमान के वर्धमान ने 3 दिन के उपवास के बाद ली समाधि
दिव्यांग जगत न्यूज़ एजेंसी
डोंगरगढ़( छत्तीसगढ़) – देश भर के जैन समाज के लिए आज यानि 18 फरवरी का दिन सबसे कठिन है। समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद अपना देह त्याग दिया है। शनिवार की देर रात करीब 2:35 बजे उन्होंने अपना देह त्याग दिया। देह त्यागने से पहले उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था। उनके देह त्यागने का पता चलते ही जैन समाज के लोग जुटने लगे।
आचार्य ज्ञान सागर के शिष्य आचार्य विद्यासागर ने 77 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में 3 दिनों के उपवास के बाद अपना शरीर त्याग दिया है। रविवार को दोपहर एक बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि पूरी की जाएगी। आचार्य के शरीर त्यागने का पता चलते ही दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया है।
पीएम मोदी भी कर चुके है मुलाकात-
आज मैं देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 पूज्य विद्यासागर जी महाराज को आदर पूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके समाधिष्ट होने की सूचना मिलने के बाद समस्त देश के अनुयायी और हम सभी शोक में है। मेरे लिए यह है व्यक्तिगत क्षति जैसा है। वर्षों तक मुझे उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। कुछ दिन पहले मैंने प्रवास कार्यक्रम को बदलकर सुबह-सुबह उनके पास पहुंचा तब पता नहीं था कि मैं दोबारा उनसे नहीं मिल पाऊंगा या उनके दर्शन नहीं कर पाऊंगा। मेरा सौभाग्य रहा है कि मैं पिछले 50 वर्षों से भी ज्यादा वर्षों से मुझे देश की आध्यात्मिक मूर्तियां के निकट रहने के कारण उनका आशीर्वाद पाने का मौका मिला। वे दिगंबर परंपरा से थे उनका जीवन कैसा होता है, हम सभी जानते हैं। मुझसे जुड़ी शायद ही ऐसी कोई महत्वपूर्ण घटना होगी जो उन्हें पता ना हो। 24 घंटे की भीतर – भीतर एनालिसिस एनालिसिस करके मुझे उनका संदेश आता था इससे मुझे पता चलता है कि वह कितने जागरूक और सजग थे। उनकी शिक्षा, सिद्धांत और आध्यात्मिक धर्म के प्रति लगाव संपूर्ण देश को गौरांवित कर प्रेरणा देता रहेगा।
अब मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर होंगे अगले आचार्य –
संत ज्ञान सागर की तरह ही आचार्य विद्यासागर जी ने भी समाधि से 3 दिन पहले अपना आचार्य पद का त्याग करते हुए अगला आचार्य नियुक्त कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को सौंप दिया है। विद्यासागर ने उन्हें योग्य समझा और 6 फरवरी के दिन ही आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।
सीएम विष्णुदेव साय ने जाहिर किया दुख-
प्रदेश मुखिया सीएम विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया के माध्यम से संत विद्यासागर महाराज की समाधि के समाचार पर दुख जताया है। सीएम ने कहा कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।