अजमेर डिस्कॉम में 200 करोड रुपए का टेंडर घोटाला
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से लाइसेंस लेकर ठेका लेने का आरोप,
मुख्यमंत्री से अजमेर में फर्जी बिजली कंपनी को मिली भगत कर टेंडर देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग
मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अजमेर डिस्कॉम के क्षेत्राधिकार में करोड़ों रुपए रुपए का टेंडर घोटाला किया गया है,
इस संदर्भ में भारतीय पब्लिक लेबर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल साहू ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं बिजली ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर को विस्तृत विवरण सहित ज्ञापन पत्र के देकर जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उच्च अधिकारियों एवं विद्युत विभाग में कार्य कर रही इलेक्ट्रिकल्स ठेका कंपनी द्वारा मिली भगत करके फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर ए क्लास का लाइसेंस प्राप्त कर अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट में 200 करोड़ का टेंडर घोटाला किया है ।
इस प्रकार का सनसनीखेज खुलासा करते हुए बाबूलाल साहू ने बताया कि मुंबई की मैसर्स धनलक्ष्मी इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा मैसर्स हाइथ्रो पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड नई दिल्ली के नाम मेगा हाईवे प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिकल लाइन टावर मेगा हाईवे प्रोजेक्ट रोड के तहत झालावाड़ से उज्जैन तक का कार्य करना बताया एवं दूसरा कार्य वी.आर. इंफ्रा पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का विद्युत शिफ्टिंग इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट लाइन इंटरकनेक्शन बिटवीन 220 केवी जीएसएस सीतापुरा जयपुर का कार्य करना बताया गया, जबकि उपरोक्त कार्य मैसर्स धनलक्ष्मी इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा किया ही नहीं गया एवं फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर मिली भगत के चलते वरिष्ठ विद्युत निरीक्षक राजस्थान सरकार जयपुर से विद्युत कार्य करने हेतु ए क्लास का लाइसेंस प्राप्त कर लिया और 200 करोड़ का कार्य अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट से टेंडर हासिल कर लिया ।
उपरोक्त कंपनी के द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर वरिष्ठ विद्युत निरीक्षणालय जयपुर से मिलीभगत के चलते ए क्लास का इलेक्ट्रिकल्स लाइसेंस प्राप्त कर राजस्थान सरकार के विद्युत विभाग अजमेर डिस्कॉम के प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट से करोड़ों रुपए के विद्युत संबंधी कार्य आपूर्ति बाबत ठेके प्राप्त कर लिए गए, जो कि राज्य सरकार के विद्युत विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है एवं सरकारी स्तर पर आर्थिक धोखाधड़ी का कार्य किया गया ।
अजमेर डिस्कॉम के एम.डी. ने किया दस्तावेज देने से मना,
उक्त कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर नहीं हो सके इसके लिए अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक के द्वारा उपरोक्त टेंडर एवं उक्त कंपनी के दस्तावेज देने से मना किया ।
साहू ने बताया कि इस संदर्भ में हमारे द्वारा अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं अजमेर डिस्कॉम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से उक्त मैसर्स धनलक्ष्मी इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संदर्भ में राष्ट्रीय सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज मांगे लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया । साहू ने इसको लेकर अजमेर डिस्कॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर एन.एस.निर्वाण से व्यक्तिगत मिलकर अपील के माध्यम से उपरोक्त कंपनी के संदर्भ में टेंडर के कागज दस्तावेज मांगे तो उन्होंने व्यक्तिगत सुनवाई करते हुए उपरोक्त कंपनी के दस्तावेज देने से मना कर दिया ।
तब उन्होंने फर्जीवाड़ा की शिकायत राज्य के ऊर्जा सेक्रेटरी से की लेकिन ऊपर से निर्देश मिलने के बाद में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कुछ अधिकारियों की मिली भगत होने के कारण उपरोक्त कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई ।
साहू ने इस संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं बिजली ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर को शिकायती पत्र देकर अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर मैसर्स धनलक्ष्मी इलेक्ट्रिकलस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा फर्जी तरीके से प्राप्त किया गया ए क्लास विद्युत लाइसेंस प्राप्त कर लगभग 200 करोड रुपए से अधिक की राशि का घोटाला कर टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी का लाइसेंस तत्काल निरस्त करवा कर कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की मांग की है,
साथ ही उपरोक्त कंपनी से मिली भगत कर टेंडर देने वाले अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के संबंधित उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई कराने की मांग की है ।