देरांठू के भाषाहरडी मातेश्वरी स्थान पर चल रहे शत चण्डी महायज्ञ का मगंलवार को हवन यज्ञ के साथ हुआ समापन
पूर्णाहुति के पश्चात हुआ भण्डारा सन्तों को दी विदाई
मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । नसीराबाद के नजदीक देरांठू के सनोद रोड पर पहाड़ी पर स्थित भाषाहरडी मातेश्वरी माताजी के स्थान पर चल रहे शत चण्डी महायज्ञ का समापन मगंलवार को हवन यज्ञ के साथ हुआ । यह यज्ञ संत बालक दास त्यागी महाराज के सानिध्य मे आयोजित किया गया । यज्ञ के आचार्य बनारस से आये पण्डित रजित शास्त्री एवं मारुती नन्दन आश्रम वाराणसी के केदार नारायण शास्त्री थे । महायज्ञ मे चल रही भागवत कथा के सातवे दिन बाल विधुशी भागवत भूषण रुचि किशोरी जी के साथ कथा के अन्तिम दिन आई कथा वाचक मिथिलेश किशोरी जी वृदावन ने भी भजनो की सरिता बहाई जिससे भक्तगण नाचने पर विवश हो गए । उसके पश्चात किशोरी जी ने कथा मे कृष्ण कथा का भक्तों को रसपान कराया ।
संन्तो को दी विदाई
यज्ञ समापन पर दूर दुर से आये सन्तो एवं महन्तो को संत बालकदास महाराज , सरपंच विजेंद्र सिंह राठौड़ , पूर्व सरपंच शैतान माली व हंसराज माली एवं कमेटी के सदस्यों द्वारा भोजन प्रसाद ग्रहण करवाने के पश्चात तिलक लगा कर भेट देकर विदाई दी गई । यज्ञ मे खारी के लाम्बा आश्रम के सन्त रामदास महात्यागी के सहित अन्य आश्रम से आये सन्तो का सम्मान कर भेट देकर विदाई दी गई । कार्यक्रम मे मसानिया भेरव धाम राजगढ़ से आये चम्पालाल महाराज ने भी भाषाहरडी मातेश्वरी के दर्शन करने के पश्चात आम जनता को किसी भी तरह का नशा नही करने की शपथ दिलाई । वही धाम उपासक का संत बालकदास महाराज के सरपंच विजेन्द्र सिह राठौड़ व पूर्व सरपंच शैतान माली ने माला व साफा पहनाकर भाषाहरडी मातेश्वरी की फोटो भेट करी । कार्यक्रम के अन्तिम दिन ग्रामीणो के साथ अन्य गांवों ,कस्बों से आये भक्तों ने भण्डारे मे प्रसाद ग्रहण किया । वह कथा के आनन्द के साथ यज्ञ स्थल पर लगे डिजिलेण्ड के झुलो , ट्रेन , चकरीया आदि के साथ लगी दुकानों से खरीददारी कर चाट , पकोडी , जूस आदि का आनन्द लिया ।