कहते हैं अगर जज़्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. मेहनत, हिम्मत और लगन से इंसान कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है. और ये वाक्य एकदम सटीक बैठते हैं लखनऊ के तुषार पर. तुषार नॉन फ़कश्नल हैंड्स (Non Functional Hands) के साथ पैदा हुआ लेकिन दिव्यांगता उसके रास्ते में रोड़ा नहीं बन पाई.
TOI के रिपोर्ट के अनुसार, Creative Convent College के तुषार विश्वकर्मा ने तो परीक्षा में टीचर की मदद ली और न ही राइटर मांगा. नीले और काले कलम से ख़ुद लिखा और 70 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. ख़ास बात ये है कि तुषार ने हाथ से नहीं बल्कि पैर से लिखकर परीक्षा पास की.