मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नसीराबाद में शुक्रवार को कक्षा 10 और 12 के विद्यार्थियों को भारत के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, तरुण शर्मा, ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को मानसिक शांति , आत्मविश्वास व जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया । तरुण शर्मा, जो कि स्वयं एक प्रेरणास्त्रोत हैं, ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण तकनीकों को अपनाते हुए विद्यार्थी एवं शिक्षकों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए बताया कि
सकारात्मक मानसिकता का निर्माण कैसे हो
तरुण शर्मा का मानना है कि सफलता की कुंजी सकारात्मक मानसिकता में छिपी है। वे विद्यार्थियों को यह सिखाते हैं कि अगर उनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है, तो वे हर परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। बोर्ड परीक्षा जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में एक सही मानसिकता उन्हें संघर्षों को पार करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है।
लक्ष्य निर्धारण और योजना बनाना
तरुण शर्मा विद्यार्थियों को यह सलाह देते हैं कि वे अपनी शिक्षा के साथ-साथ जीवन के अन्य पहलुओं में भी स्पष्ट लक्ष्य तय करें। लक्ष्य तय करने से विद्यार्थियों को मार्गदर्शन मिलता है और वे समय को सही दिशा में प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, वे उन्हें यह भी बताते हैं कि सफलता के लिए केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि सही योजना और समय प्रबंधन भी आवश्यक है।
विफलता को सकारात्मक रूप में देखना
तरुण शर्मा का मानना है कि विफलताएँ सफलता का हिस्सा हैं। वे विद्यार्थियों को यह समझाते हैं कि परीक्षा में असफल होने पर भी उन्हें निराश नहीं होना चाहिए। हर असफलता एक नई सीख लेकर आती है और यह उनके अगले प्रयास को बेहतर बनाती है। उनका दृष्टिकोण है कि विद्यार्थियों को अपनी गलतियों से सीखने की आदत डालनी चाहिए और उन्हें अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
तरुण शर्मा विद्यार्थियों को यह भी बताते हैं कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की समग्र स्थिति से ही एक विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। वे नियमित व्यायाम, सही आहार, पर्याप्त नींद और ध्यान के महत्व पर जोर देते हैं। स्वस्थ शरीर और मानसिक स्थिति विद्यार्थियों को अधिक केंद्रित और प्रेरित रखती है।
शिक्षकों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन
शिक्षकों के लिए भी तरुण शर्मा के पास प्रेरणादायक संदेश हैं। वे मानते हैं कि शिक्षकों का कार्य केवल पढ़ाना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन में सही दिशा दिखाना भी है। इसलिए, उन्हें भी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श बनना चाहिए। वे शिक्षकों से यह अपेक्षाएं रखते हैं कि वे विद्यार्थियों को मानसिक रूप से भी तैयार करें, न केवल पाठ्यक्रम के लिए।
सकारात्मक वातावरण का निर्माण
तरुण शर्मा यह मानते हैं कि एक सकारात्मक वातावरण में विद्यार्थियों का विकास बेहतर तरीके से होता है। वे स्कूलों और कक्षाओं में एक सकारात्मक और उत्साहजनक वातावरण बनाने की आवश्यकता को महसूस करते हैं, जिससे विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य के प्रति और भी प्रेरणा मिले।
आचार्य श्री आर. सी. मीणा ने बताया कि
तरुण शर्मा द्वारा सुझाए गए ये प्रभावी तरीके कक्षा 10 और 12 के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका उद्देश्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और मानसिक संतुलन को भी बढ़ावा देना है। विद्यार्थियों और शिक्षकों को इन सिद्धांतों को अपनाकर अपने जीवन में बदलाव लाने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें और समाज में सकारात्मक योग दान दे सके।