मुत्युभोज(नुक्ता) नही करने पर मोड़ी गांव के हरीराम जाट को राज्य स्तर पर किया सम्मानित
मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । नसीराबाद के निकटवर्ती ग्राम पंचायत मोड़ी गांव के हरीराम जाट के पिताजी की कुछ समय पहले मुत्यु हो गई थी । जिस पर समाज के पंच पटेलों ने हरीराम पर बहुत दबाव डाला ओर मृत्यु भोज करने को कहां । जिस पर हरीराम किसी के भी दबाव मे नही आकर नुक्ता नही किया । ओर हरीराम जाट ने समाज के पंच पटेलों को कहा कि मृत्युभोज एक सामाजिक कुरीति एवं अभिशाप है। किसी व्यक्ति का सामयिक या असामयिक निधन होना उस परिवार के लिए गहरा आघात होता है। दुःख की इस घड़ी में शोक संतृप्त परिवार के साथ खड़ा होना और उन्हें ढाँढस बंधाना सभी का दायित्व है।
परंतु इस अवसर को एक उत्सव के रूप में मनाया जाना, सभी को आमंत्रित करना एवं मिठाइयाँ बनाकर लोगों को खिलाया जाना नितांत गलत है। केवल यहीं तक ही नहीं अपितु मृत्यु पर बैठने आने वालो की अफीम की मनुहार जहरीली एवं दानवरूपी प्रथा है । जो एक तरफ तो उस परिवार पर आर्थिक बोझ बन जाती है , वहीं यह जाजम अफीमचियों की शरण-स्थली बनने के साथ-2 युवा पीढ़ी को भी इसकी चपेट में ले रही है। समाज के लिए अनुकरणीय पहल करने के साथ वर्षों से चली आ रही इस कुप्रथा को मिटाने के लिए व युवा पीढी को जागृत करने मे पहल करने पर हरीराम जाट को राज्य सरकार द्बारा राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया ।