जानिए राजस्थान में कैसे मिलेंगे फ्री मोबाइल….
क्या क्या चाहिए डॉक्युमेंट्स
सुखराम मीणा/दिव्यांग जगत
जयपुर- राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 के तहत चिरंजीवी परिवारों की महिला प्रधानों को अक्टूबर माह के अंत में मुफ्त मोबाइल मिलने की पूरी पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत राजस्थान में चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिला प्रधानों को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाएंगे। राजस्थान सरकार अक्टूबर से फ्री मोबाइल प्लान का वितरण शुरू कर सकती है। इस स्मार्टफोन में महिलाओं को 3 साल तक फ्री इंटरनेट डेटा, कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा दी जाएगी। चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया 3 साल तक फ्री में स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर सकती हैं। महिलाओं को करीब 6000 से 9000 रुपये का मोबाइल दिया जाएगा। मोबाइल के साथ-साथ 3 साल तक हर महीने 5 जीबी डेटा, अनलिमिटेड फ्री लोकल और एसटीडी कॉलिंग की सुविधा और मोबाइल सिम भी फ्री दिया जाएगा।
दिव्यांग जगत के व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े।https://chat.whatsapp.com/Ilk6lUNuri467ns2biKkIr
महिला मुखिया होगी फ्री मोबाइल लेने की पात्र-
आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना की घोषणा की थी। जिसके तहत राजस्थान की 1.35 करोड़ महिला राष्ट्रपतियों को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाएंगे। ताकि उन्हें राजस्थान में चल रही सभी योजनाओं की जानकारी मिल सके। और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
चिरंजीवी कार्डधारी 1.35 करोड़ महिलाओं को प्रदेश सरकार दीपावली के बाद माेबाइल बांटना शुरू करेगी। हर ग्राम पंचायत में कैंप लगाकर 15 नवंबर के बाद फोन बांटे जाएंगे। राजकॉम्प के महाप्रबंधक सीपी सिंह ने बताया कि हैंडसेट सैमसंग, नोकिया और जियो के होंगे जो 3 साल के डेटा बैकअप के साथ दिए जाएंगे।
फ्री मोबाइल योजना की खास बात-
- हैंडसेट के साथ 20 जीबी डेटा हर महीने तीन साल तक दिया जाएगा।
- कोई लाभार्थी फोन का इस्तेमाल नहीं करता है तो डेटा रिचार्ज तब तक नहीं होगा जब तक वह फोन का इस्तेमाल शुरू नहीं कर देता।
- कैंप में मोबाइल फोन लेने के लिए आधार और जनाधार लिया जाएगा।
- इसके बाद हैंडसेट में सिम डाल कर उसे मौके पर ही एक्टिवेट कर लाभार्थी को दिया जाएगा।
- इसमें एयरटेल, जियो और बीएसएनएल के कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।
सरकारी योजनाओं के लिए इसी से आवेदन, सिम बदला तो काम नहीं करेगा मोबाइल।
महिलाओं को मोबाइल फोन वितरण के साथ उसके इस्तेमाल उन्हें डिजिटली साक्षर भी बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार पहले 70 हजार मास्टर ट्रेनर तैयार करेगी। ये ट्रेनर सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं होंगीं, जिन्हें डिजिटल सखी नाम दिया गया है।
डिजिटल सखी ये ट्रेनिंग देंगी-
- ई-केवाईसी कैसे करें ताकि महिलाओं को सहूलियत होे।
- फोन लेने के लिए महिलाओं को कैंप तक लाने की जिम्मेदारी।
- साइबर क्राइम और डिजिटल पेमेंट से जुड़ी ट्रेनिंग।
फोन बेच नहीं सकेंगे, सिम का प्राइमरी बॉक्स बंद रहेगा-
सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि जो मोबाइल फाेन लाभार्थी को दिया जा रहा है, उसका सही इस्तेमाल हो। ऐसे में कोई भी लाभार्थी इस फोन को नहीं बेच पाएगा। इसके लिए फोन की प्राइमरी सिम बॉक्स को बंद रखा जाएगा। सेकेंडरी सिम में वही सिम काम करेगी, जो एक्टिवेट करके दी जाएगी।