अलवर – सरिस्का के जंगल में लगी आग 48 घंटे बाद भी बेकाबू
समीपवर्ती गाँवो मे दावानल आग फैलने का है खतरा
सुखराम मीणा / दिव्यांग जगत
अलवर – थानागाजी सरिस्का के जंगल में लगी आग पर अभी 48 घंटे बाद तक भी काबू नहीं पाया जा सका है!
सरिस्का के जंगल में मंगलवार रात भी आग लगी रही।आग बेकाबू हो चुकी है। अब तब करीब 15 किमी तक आग फैल चुकी है। वन विभाग की टीम देर रात तक पहाड़ों पर रही और फायर लाइन की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। अधिकारियों ने बताया कि रात भर आग जंगल के करीब 15 से 19 किमी के एरिया में आग फैल गई। अब भी कुछ हिस्सों में आग लगी है। इसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। सूचना मिलने पर क्षेत्र के निदेशक आरएन मीणा व डीएफओ सुदर्शन शर्मा भी मौके पर पहुंचे।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरिस्का की अकबरपुर रेंज के बालेटा, पृथ्वीपुरा व कटीघाटी के जंगल में रविवार शाम को अचानक आग लग गई। आग देर शाम के बाद बढ़ती चली गई। रात होने पर दूर से आग की लपटें नजर आने लगी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना अजबगढ़ रेंजर को दी। इसके बाद ग्रामीण और वन विभाग के कर्मचारियों ने फायर लाइन बनाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन सुबह तक जंगल के दूसरे हिस्से में आग फैल चुकी थी। पेड़ की गीली पत्तियों व टहनियों की मदद से भी आग पर काबू पाने का प्रयास मंगलवार सुबह तक चलता रहा।
फायर लाइन से आग पर काबू
जंगल में लगी आग को फायर ब्रिगेड से नहीं बुझाया जा सकता। जंगल में पहाड़ पर उबड़ खाबड़ रास्तों तक पहुंचाना भी मुश्किल है। ऐसे में फायर लाइन की मदद से ही आग पर काबू पाया जा सकता है। इसमें ऐसी लाइन बनाई जाती है, जिससे आग लगने की संभावना वाली घास, टहनियों, सूखे पत्तों आदि को हटा दिया जाता है। उस जगह गीली टहनियां, हरी पत्तियां आदि बिछा दी जाती हैं। इससे आग आगे नहीं बढ़ती। सुबह फायर लाइन बनाने के लिए 30-40 वनकर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से मशक्कत की।
आग लगने की शुरुआत कहां से हुई, नही लगा पता,अभी पुख्ता जानकारी नही है अधिकारियों के पास आगे लगने की!
असल में सरिस्का का घना जंगल है। आग लगने की शुरूआत कहां से हुई यह पता नहीं चला। जब आग काफी फैल गई तब लपटों से उसकी जानकारी मिली। शाम होने पर आग की लपटें दिखने लगी। गर्मियों में जंगल में आग लगने की ज्यादा घटनाएं होती हैं।
दिव्यांग जगत द्वारा फैक्ट फाइल-:
- 15 किलोमीटर तक सरिस्का क्षेत्र मे फैली आग
- अभी तक 150 हेक्टेयर इलाका तबाह साथ ही ग्रामीणों द्वारा भी पूर्ण रूप से सहयोग किया जा रहा है!
- मधुमक्खियों की वजह से भी आग बुझाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
4.वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर द्वारा आग पर काबू पाने की कोशिश लगातार जारी!
- रात को हेलीकॉप्टर द्वारा पानी के छिड़काव को रोकना पड़ा!
6.आग अकबरपुर रेंज में लगी है, बताया जाता है कि ये क्षेत्र बाघों का है! जंगली जानवरों का मूवमेंट उसी एरिये मे ज्यादा होता है!
- आग पर छिड़काव कर रहे हेलीकॉप्टर में फ्यूल भरने के लिए अलग से हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई, ताकि आग बुझाने वाले हेलीकॉप्टर में फ्यूल की कमी ना हो जिससे आग बुझाने का कार्य प्रभावित न हो!