केकड़ी में चल रही श्रीमद भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह महोत्सव पर झूम उठे श्रोता

केकड़ी में चल रही श्रीमद भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह महोत्सव पर झूम उठे श्रोता

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर। केकड़ी के कादेड़ा रोड स्थित पटेल मैरिज गार्डन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया गया । श्रीराम द्वारा चातुर्मास समिति केकड़ी के द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक रामस्नेही संत ईश्वर राम महाराज ने भक्तो को धर्मोपदेश देते हुए कहा कि जब जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ा है तब तब भगवान ने अवतार लिया । द्वापर युग में भगवान कृष्ण के रूप में अवतरित हुए और कंस के अत्यचारो का अन्त किया । श्रीकृष्ण ने चाणूर को और बलराम ने मुष्टिक को बैकुण्ठ धाम पहुंचाया । भगवान श्री कृष्ण ने कंस को उसके सिंहासन से केश पकड़ कर घसीटा और कंस के भूमि पर गिरते ही श्रीकृष्ण ने उसके हृदय पर जोरदार मुक्का मारकर उसके प्राण ले लिए। कथा के दौरान संत ने रुकमणी विवाह के प्रसंग पर बताया कि रुक्मणी जी श्रीकृष्ण को पसंद करती थीं और उन्हें मन ही मन अपना पति स्वीकार कर चुकी थीं । श्रीकृष्ण को पता चला कि रुक्मणी का विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध किसी और के साथ हो रहा है, तब उन्होंने रुक्मणी से विवाह रचा लिया। कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने राधा से इसलिए विवाह नहीं किया क्योंकि दोनों के बीच आध्यात्मिक प्रेम था । रुक्मणी विवाह पर कथा पांडाल में उपस्थित सभी श्रोता महिला पुरुष नृत्य के साथ झूम उठे । व्यास पीठ पर विराजमान रामस्नेही संतो का सर्व जाट समाज , विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल एवम भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों ने रामस्नेही महाराज को शॉल ओढ़ाकर और माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया गया । रामद्वारा चातुर्मास समिति समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता रामगोपाल सैनी ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा की पूर्णाहुति पर 29 सितंबर रविवार को कथा स्थल, पटेल मैरिज गार्डन में सर्व समाज का विशाल भंडारा महाप्रसाद का आयोजन भी रखा गया है ।

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