आखिर बाबा साहब डॉ. बी आर अंबेडकर जी की जीवनी क्यों नहीं पढ़ाई जाती है पाठ्य पुस्तकों में- मेहरडा
कैलाश चन्द्र आर्य दिव्यांग जगत
अंबेडकर विचार मंच के प्रदेश
महासचिव व समाज सेवी बनवारीलाल मेहरड़ा ने शिक्षा के ठेकेदारों द्वारा बाबा साहब डॉ. बी आर अंबेडकर जी की जीवनी को पाठ्य पुस्तकों मे नहीं पढ़ाई जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है की . दलितों के मसीहा व भारत रत्न से सम्मानित और भारत के संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. बी आर अंबेडकर जी की जीवनी को पाठक पुस्तको मे नही पढ़ाई जाती है! आजाद देश के नागरिक कहे जाने वाले ये शिक्षा के ठेकेदार शिक्षा के नाम पर दलितों के साथ आजादी के 74 सालो बाद भी भेदभाव कर रहे हैं! शिक्षा के ठेकेदारों का यह भेदभाव क्यों है? जो की एक प्रकार से ठीक नहीं है!
संविधान निर्माता डॉ बी आर अंबेडकर की मेहनत, क्रांति और इतिहास क्या है! सही मायने में हमारे लोगों को उनकी जानकारी व इनकी जीवनी के इतिहास के बारे में विस्तार से पता तक नहीं है ! इतनी महान हस्ती, विद्वान, भारत रत्न से सम्मानित जिसने विश्व का सबसे बड़ा संविधान का निर्माण कर भारत देश का विश्व में गौरव व मान बढ़ाया जिनका अन्य देश भी आदर सम्मान करते हैं जिन्हें कोलंबो यूनिवर्सिटी में “सिंबल ऑफ नॉलेज” का खिताब दिया गया हो! लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत देश के शिक्षा के ठेकेदारों ने उनकी जीवनी और उपलब्धियों एवं उनके इतिहास को अभी तक अंधेरे में दीए तले रख रखा है ! आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है! बाबा साहब का क्या यही दोष है कि वे एक दलित परिवार में जन्मे थे और दलित परिवार से हैं!
आज शिक्षा के क्षेत्र में हिंदी ,अंग्रेजी के पाठ्य पुस्तकों में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, स्वामी विवेकानंद, सरदार पटेल यहां तक कि अन्य महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाती है! परीक्षाओं व विद्यालयों में निबंध लिखवाये जाते हैं! उनके इतिहास और जीवनी के कार्यों को पढ़ते रहे हैं ! यही नहीं इनके अलावा क्रांतिकारियों एवं समाज सुधारको की जीवनी और उनके द्वारा किए गए संघर्षों के बारे में बढ़-चढ़कर पढ़ाया और लिखाया जाता रहा है कि किस तरह उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया! हमें अनेकों महापुरुषों की जीवनी बढ़ाई जाती है जबकि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की जीवनी नहीं पढ़ाई जाती है ! आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है! बाबा साहब की जीवनी को इसलिए भी नहीं पढ़ाया जाता है कि दलित व अछूत कहे जाने वाले परिवार में जन्म लेकर इतना कठोर सघर्ष कर पढ़ाई में सबसे अव्वल व सबसे अधिक डिग्री हासिल की है! भारत देश में उस समय सबसे ज्यादा डिग्रियां डॉ. बी आर अंबेडकर जी के पास ही थी अन्य समाज का कोई भी व्यक्ति इनका मुकाबला नहीं कर सका! इसलिए आज भी उनके प्रति ईर्ष्या का भाव रखते है ! दूसरा कारण यह भी रहा है कि उन्होंने विश्व का सबसे बड़ा भारतीय संविधान लिख कर अपना विश्व में नाम दर्ज करवाया ! जिसके कारण सभी बाहरी देशों में बाबा साहब का बहुत आदर सम्मान किया और आज भी सम्मान के साथ उनके नाम का गुणगान करते हैं लेकिन भारत के दलितों का दुर्भाग्य देखो कि दलितों के मसीहा कहे जाने वाले इस महापुरुष की मृत्यु तक का प्रमाण भी किसी के पास नहीं है! किसी को यह भी पता नही कि बाबा साहब की मृत्यु के कारण क्या रहे? उनकी मृत्यु कैसे हुई! वास्तविक रुप से किसी को कुछ पता नहीं है क्योंकि शिक्षा के ठेकेदारों ने बाबा साहब की विस्तारित रूप से जीवनी पाठ्य पुस्तकों में या किसी शास्त्र और इतिहास में प्रकाशित ही नहीं करने दिया!
जिस इंसान ने समाज में फैली बुराइयों और नारी शक्ति को सम्मान देने का कार्य किया, शिक्षा पाने का अधिकार और लोगों को समानता का अधिकार दिलाया यहां तक कि आजाद देश के दलित,शोषित व पिछड़े परिवारों का कुछ आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और शिक्षा के स्तर पर जो भी विकास हुआ है वह सब बाबा साहब की ही देन हैं ! अगर सही मायने में बाबा साहब नहीं होते तो आज दलितों की स्थिति 100 वर्ष पूर्व की तरह होती! इतना सब कुछ करने के बाद भी उस महान पुरुष के इतिहास और संघर्ष इतिहास और संघर्षों को दीए तले आजाद देश के शिक्षा के ठेकेदार दबा कर बैठे हैं! जो कि एक सोचनीय प्रश्न है! इसलिए सभी दलित ,शोषित परिवहन के बुद्धिजीवी व अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा इस विषय पर हम सब को चिंतन मंथन करने की आवश्यकता है! जब तक केंद्र एवं राज्य सरकार पाठय पुस्तकों में बाबा साहब की विस्तार पूर्वक जीवनी व संघर्ष पूर्ण कार्यों को शामिल नहीं किया जाता है जब तक हम सभी को व सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर संघर्ष करने की आवश्यकता है जिससे भारत के सभी पाठ्य पुस्तकों में बाबा साहब डॉ. बी आर अंबेडकर जी की जीवनी को शामिल कर प्रकाशित किया जा सके!
बनवारी लाल मेहरड़ा, समाजसेवी, डॉ. अंबेडकर विचार मंच के प्रदेश महासचिव एवं समर्पण संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष, (डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित व शान ए इंडिया राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित )
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मो. नं. 8058258861