यादव समाज में जैनधर्म प्रवर्तन का शंखनाद
बुंदेलखंड-चंबल क्षेत्र के 25-30 यादव परिवारों ने विधिवत अपनाया जैन धर्म तीर्थंकर मुनिसुव्रत व तीर्थंकर नेमि का वंशज यादव समुदाय लंबे समय से जैनधर्म से दूर रहा है,यादव की कुछ छोटी शाखाएं जैसवाल,लमेंचू आदि आज जैन है पर उनका संख्याबल बहुत छोटा है,जैन मुनि आचार्य विरागसागर जी की प्रेरणा से उनके शिष्य ब्रह्मचारी R.P. ब्रह्मपुरी भैया यादव समाज में जैनधर्म प्रचार-प्रसार का कार्य कुछ वर्षों से कर रहे है,आप स्वयं यादव समाज से ही है,चंबल-बुंदेलखंड क्षेत्र के कई गांवों में आपने जैनधर्म की अलख जगाई है। 6 मार्च 2022 का दिन इस दिशा में ऐतिहासिक रहा जब मप्र के टीकमगढ जिले में स्थित बैरवार गांव में जैन मुनि के निर्देशन में पहली बार लगभग 1000 यादवों ने दोनों हाथ उठाकर जैनधर्म अपनाने की ओर अपना मानस बनाया,इस प्रवचन सभा में विधिवत रुप से लगभग 25-30 यादव परिवार जैन भी बने,जिन्होनें आजीवन जैनधर्म अपनाने के नियम लिए अष्टमूलगुण(जैन श्रावक के आचरण नियम) स्वीकार किए इन परिवार के सदस्यों ने रोज जैनमंदिर में पूजन,अभिषेक,मुनियों को आहार देने आदि की प्रतिज्ञा की