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ब्रिटेन में तेल की कमी नहीं, पर पेट्रोल पंपों पर क्यों लगी है लंबी क़तार

बीते कुछ दिनों से आपने सोशल मीडिया पर ब्रिटेन में पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी क़तारों वाले वीडियो ज़रूर देखे होंगे या इस बारे में सुना होगा कि लोग बहुत तेज़ी से घबराहट में ईंधन की ख़रीद कर रहे हैं.

ऐसा तब हो रहा है जब सरकार और तेल कंपनियां कह चुकी हैं कि देश में तेल की कोई कमी नहीं है. फिर भी देश में ऐसे हालात क्यों और कैसे पैदा हो गए हैं?

पेट्रोल पंपों पर ऐसा क्यों हो रहा है?

पेट्रोल पंपों पर लग रही भीड़ के बीच एक पेट्रोप पंप के मालिक ने इसे ‘क़त्लेआम’ कहा है.

कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने के लिए गाड़ियों की मीलों लंबी क़तारें लग गई हैं जिसमें उनको घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है. कुछ ड्राइवर गाड़ी में सोकर इंतज़ार कर रहे हैं तो कुछ लाइन तोड़कर आगे निकलने की होड़ में रहते हैं.

कई पेट्रोल पंप तेल की मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें अपने पंप को बंद करना पड़ा है.

साउथ वेल्स के माइस्टेग में ऑयल 4 वेल्स के डायरेक्टर कॉलिन ऑवेन्स का कहना है कि उनके गराज में आमतौर पर रोज़ाना 20 से 30 हज़ार लीटर ईंधन बेचा जाता है, लेकिन बीते 24 घंटों में 1 लाख लीटर तेल बिक चुका है.

वहीं, कुछ जगहों पर तो और भी बुरे हालात देखने को मिले हैं.

इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफ़ेसर डैनी ऑल्टमैन ने ट्वीट करके पेट्रोल ख़त्म होने के बाद एक लड़ाई देखने का ज़िक़्र किया है.

उन्होंने बताया कि ‘मेरे पीछे खड़े एक आदमी ने गार्ड को मारना शुरू कर दिया. इसके बाद 8-10 लोगों में हाथापाई शुरू हो गई और लातों, घूसों से मार पिटाई हुई.’

ब्रिटेन में क्या पेट्रोल ख़त्म हो गया है?

शेल, एक्सॉनमोबिल और ग्रीनर्जी जैसी तेल कंपनियां यह कह चुकी हैं कि देश में पेट्रोल की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा है कि तेल की सप्लाई का दबाव ‘अस्थाई तौर पर ग्राहकों की मांग में बढ़ोतरी के कारण देखा जा रहा है न कि देश में तेल की कमी के कारण.’

सरकार में इन मामलों से जुड़े मंत्रियों का भी यही तर्क है जो तेल कंपनियां दे रही हैं.

उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण चीज़ ये है कि लोग वैसे ही पेट्रोल ख़रीदें जैसे कि वे आमतौर पर ख़रीदते थे.”

“इसको पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि हमने तेल की कमी पर और उस पर लोगों की प्रतिक्रिया को लेकर अब तक बहुत मीडिया कवरेज नहीं देखी है.”

हालांकि, यह अब साफ़ है कि पेट्रोल की कमी केवल पंपों पर उसे बेचने के दौरान ही पाई गई है.

पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन (PRA) ने सोमवार को कहा कि उसकी सदस्यता वाले तक़रीबन दो तिहाई यानी 5,500 स्वतंत्र पंपों पर तेल नहीं है और बाक़ी के ‘आंशिक रूप से सूख चुके हैं और जल्द ही वहां पर भी तेल ख़त्म हो जाएगा.’

इसमें सबसे अधिक प्रभावित ब्रिटेन के शहरी इलाक़े हैं जबकि उत्तरी आयरलैंड में इस पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा है.

PRA चैयरमेन ब्रायन मैडरसन इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों का ‘घबराकर इसे ख़रीदना’ (पैनिक बाइंग) बताया है.

पेट्रोल ख़रीदने के लिए इतनी आपाधापी क्यों है?

इसकी मुख्य वजह ब्रिटेन में इस समय जारी दूसरी कमी को बताया जा रहा है और वो है ट्रक ड्राइवरों की कमी.

ऐसा अनुमान है कि ब्रिटेन में 1 लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों की कमी है और इसके कारण हालिया महीनों में बहुत से उद्योगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें सुपरमार्केट्स से लेकर फ़ास्ट फ़ूड चेन्स शामिल हैं.

तेल की पैनिक बाइंग भी बीपी तेल कंपनी के बयान के बाद ही शुरू हुई थी जब उसने कहा था कि ट्रक ड्राइवरों की कमी के कारण उसे अपने कई पेट्रोल पंप ‘अस्थाई’ रूप से बंद करने पड़ सकते हैं. कई दूसरी तेल कंपनियों ने भी इसी तरह की परेशानी का सामना किया है.

तो अब ब्रिटेन में एकाएक ट्रक ड्राइवरों की कमी क्यों हो गई?

ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं कि पूरे यूरोप में हेवी गुड्स व्हीकल (HGV) ड्राइवरों की भारी कमी है, लेकिन इसमें भी इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित ब्रिटेन हुआ है.

ब्रेग्ज़िट के बाद कई यूरोपीय देशों के ड्राइवरों ने अपने देश वापस लौटना ठीक समझा या फिर वे कहीं और काम करने लगे हैं क्योंकि सीमा पर एक अतिरिक्त नौकरशाही हो गई है और इससे उनकी आय पर फ़र्क़ पड़ा है.

वहीं, कोविड-19 महामारी के कारण भी कई ड्राइवर अपने घर लौटे हैं और उनमें से कुछ ही वापस आ पाए हैं.

दूसरी ओर बुज़ुर्ग ड्राइवर रिटायर हुए हैं और उनकी जगह नए नहीं आए हैं और महामारी के कारण भारी संख्या में HGV ड्राइवर टेस्ट नहीं हो पाए हैं.

इस संकट को लेकर ब्रिटेन सरकार क्या कर रही है?

सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि पेट्रोल पंपों पर दबाव कम करने में मदद करने के लिए सेना को तैयार रखा गया है.

सेना के टैंकर ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि उनको तैनात किया जा सके और जब ज़रूरत हो तो वे तेल ज़रूरत वाली जगह तक पहुंचा सकें.

इसके साथ ही मंत्रियों ने कहा है कि कुछ ख़ास HGV लाइसेंस की मियाद बढ़ा दी गई है और तेल कंपनियों के बीच प्रतियोगिता क़ानून को अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया गया है.

व्यापार मंत्री क्वासी क्वार्तेंग ने कहा है कि इसके ज़रिए कंपनियों को तेल सप्लाई की जानकारी साझा करने में आसानी होगी और इससे ज़रूरी हिस्सों में प्राथमिकता के आधार पर तेल पहुंचाया जाएगा.

ड्राइवरों की कमी को देखते हुए सरकार ने घोषणा की है कि वो 5,000 विदेशी तेल टैंकर और फ़ूड ट्रक ड्राइवरों के लिए अस्थाई वीज़ा जारी करेगी इसके साथ ही 5,500 मुर्गी पालन मज़दूरों के लिए भी क्रिसमस तक का वीज़ा देगी.

इसके साथ ही उन्होंने HGV लाइसेंस धारकों को तक़रीबन 10 लाख पत्र लिखकर उन्हें उद्योग में वापस लौटने को कहा है. इसके साथ ही उनकी योजना 4,000 लोगों को HGV ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने की योजना है.

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