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विद्यार्थी विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राज्य में आंदोलन तेज करने के प्रस्ताव के साथ सम्पन्न हुआ एसएफआई का 2 दिवसीय राज्य स्तरीय संगठनात्मक अधिवेशन

विद्यार्थी विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राज्य में आंदोलन तेज करने के प्रस्ताव के साथ सम्पन्न हुआ एसएफआई का 2 दिवसीय राज्य स्तरीय संगठनात्मक अधिवेशन


-नियामत जमाला –
भादरा, 27 अगस्त :भादरा में बापूवाला धर्मशाला में आयोजित एसएफआई के दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगठनात्मक अधिवेशन का शुक्रवार को समापन हुआ।इसमें राजस्थान के 22 जिलों के करीब 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रथम चरण में प्रतिनिधियों ने सुझाव व प्रस्ताव पेश किए तथा आंदोलन की रणनीति तय करते हुए विद्यार्थी विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राजस्थान में आंदोलन तेज करने व पास किया तो प्रवेश दो की मांग को पूरे राजस्थान में संगठन द्वारा आंदोलन करने का प्रस्ताव लिया गया। अधिवेशन में सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय महासचिव मयूक विश्वास ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति को लागू कर गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा से दूर कर गुरूकुल प्रणाली बनाने का प्रयास कर रही है और लगातार शिक्षा में साम्प्रदायिक जहर घोल रही है। अधिवेशन के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय संयुक्त सचिव विनित डेंटा ने संगठन के बारे में बताया। अधिवेशन में 45 सदस्यीय कमेटी एवं 15 सदस्यीय सचिव मंडल का पुनर्गठन किया गया। जिसमें सचिव मंडल में अध्यक्ष सुभाष जाखड़, महासचिव सोनू जिलोदा, उपाध्यक्ष महेंद्र शर्मा,अनिल श्योराण, पंकज गुर्जर,द्रौपदी वर्मा,शोभासिंह, फाल्गुन बराड़, संयुक्त सचिव अनिल, कपिल राव, मुकेश मोहनपुरिया, विजेन्द्र ढाका, रूकमण सहेलिया व बबलेश वर्मा चुनी गई। समापन सत्र में मंगेज चौधरी सुरजीत बेनीवाल, रोहताश लोर जिला महासचिव ने सम्बोधित करते हुए कार्यकर्ताओं का आभार जताया व सुशील गुप्ता,रामस्वरूप गिल, विजय पचार, दारासिंह सोनी, वली अमीन, अनिश खान, मदन बैरड़, अभिजीत पूनियां, शुभम पूनियां सहित संगठन के कार्यकर्ताओं का सम्मान किया।अधिवेशन की स्वागत समिति सचिव सुरजीत बिजारणियां ने नई कमेटी को बधाई दी।
फोटो_ एसएफआई राज्य स्तरीय संगठनात्मक अधिवेशन

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