पढ़ो इनके बारे में,पैरों से लिखती हैं ब्लैक बोर्ड पर
जज्बे को सलाम : ब्लैक बोर्ड पर भी पैरों से ही लिखती है
धनबाद. ‘इंसान शरीर से नहीं मन से विकलांग होता है.’ मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा की यह पंक्ति चरितार्थ कर रही हैं. धनबाद की रहने वाली बसंती कुमारी. बसंदी अपने दोनों हाथों से लाचार हैं लेकिन यह बात कभी मन में घर नहीं होने दी. वह फिलहाल सिंदरी स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रोड़ाबांध में पारा टीचर के तौर पर सेवा दे रही हैं. इनकी खासियत है कि अपने पैरों से ब्लैक बोर्ड पर लिखकर बच्चों को पढ़ाती हैं. वहीं बच्चों को भी इनसे पढ़ना खासा पसंद है.
बसंती कुमारी B.ED की पढ़ाई पूरी करके 2005 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय रोड़ाबांध में बतौर पारा टीचर नियुक्त हुई है. वह छठी से 8वीं तक बच्चों को हिंदी व समाज शास्त्र पढ़ाती हैं. ब्लौक बोर्ड पर लिखने की जरूरत होती है तो पैर की उंगलियों में चॉक फंसाकर आसानी से लिख लेती हैं. यहां तक की पैर में पेन फंसा कर रजिस्टर पर हाजिरी बनाती हैं. इसी तरह बच्चों का गृह कार्य जांचने से लेकर परीक्षा की कॉपी भी जांचती हैं.
प्रयास करने वाले कुछ भी कर सकते हैं
बसंती कुमारी ने बताया कि आम तौर पर लोग अपने हाथों से लिखते हैं. लेकिन वह पैरों से लिखती हैं. देखने वालों को यह आसामान्य लगता है. लेकिन उन्हें अभ्यास हो गया है. पैर से लिखने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि सामान्य व्यक्ति हो या दिव्यांग, यदि मन में भावना आ जाएगी कि आप कुछ नहीं सकते हैं तो जिंदगी में कभी कुछ नहीं कर पाइयेगा. प्रयास करने से सब कुछ आसान हो जाता है.
बसंती को नियमित करने की मांग
वहीं, स्कूल की प्रधानाध्यापिका कुमारी शिव दुलारी ने कहा कि बसंती कुमारी साल 2005 से इस स्कूल में पारा टीचर के रूप में पढ़ा रही है. इनके योगदान को देखते हुए सरकार को इन्हें नियमित कर देना चाहिए. कक्षा 6 की छात्र पल्लवी व सीमा ने बताया कि बसंती मैडम से पढ़ना अच्छा लगता है. इन्हें देखकर विपरित परिस्थिति में भी आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है.