उपेन यादव से मिले दिव्यांग ,फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों का उठा मामला
सरकार का PH आरक्षण सिस्टम ही कर रहा है दिव्यांगजनों को विक्लांग
सरकार द्वारा विक्लांगो के हितो पर किया जा रहा है कुठाराघात
सुखराम मीणा /दिव्यांग जगत
जयपुर- राजस्थान के सैकड़ो दिव्यांग साथियों ने उपेन यादव से मिलकर के ज्ञापन सौंपा। राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने दिव्यांगों के आरक्षण को 4% कर दिया है परंतु इसके साथ ही दिव्यांगजनों के आरक्षण को चार अलग-अलग भागों में विभाजित कर दिव्यांगों को आरक्षण देने की बजाय उन्हें ही विक्लांग और पंगु बनाकर लाचार कर दिया है जिससे राजस्थान के एलडी(LD) / सीपी (CP) कैटेगरी के दिव्यांग अपने आप को ठगा हुआ और असहाय महसूस कर रहे हैं!
यह मामला राजस्थान सरकार के राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने दिव्यांग आरक्षण को 4% करने के उपरांत उसको 4 अलग-अलग भागो में विभक्त कर दिया है!
साथ ही दिव्यांग आरक्षण को बांटने के साथ-साथ उसे क्षैतिज ( Horizontal) भी कर दिया गया जिसके कारण हाल ही में रीट भर्ती परीक्षा 2021 level-1 में नॉन टीएसपी कटऑफ में एक दिव्यांग का मात्र 61 नंबर पर सेलेक्शन कर भर्ती मे चयनित कर लिया गया है, जबकि LD और CP Category के दिव्यांग अभ्यर्थीयों का 120,121,122,123,और 124 नंबर प्राप्तांक होने के बावजूद भी उनका भर्ती में सलेक्शन नहीं हो पाया है!
जिससे दिव्यांग कुछ समझ नहीं पा रहे कि एक ऐसा कैसा सिस्टम सरकार ने बनाया है की एक परीक्षार्थी का मात्र 61 नंबर पर सिलेक्शन और LD व CP सहित अन्य दिव्यांग प्रतिभागियों का 123,124 नंबर प्राप्तांक होने पर भी अपना सलेक्सन नहीं ले पा रहे है! इससे साबित होता है कि मुख्य रूप से सरकार ने ही दिव्यांगों को और अधिक दिव्यांग और लाचार करने में अपनी महती भूमिका निभा रही है,जोकि सरकार सरासर दिव्यांगों को अलग थलग बांटने का काम कर रही है! जो की अति सोचनीय व विचार करने का अग्रणी बिंदु है!
इस तरह से बांट रखा है दिव्यांगजनों को अलग-अलग श्रेणीयों के आधार पर:
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 23 मार्च 2019 के द्वारा राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम – 2018 लागू किये गये है, अतः उक्त नियमों के अनुसार विशेष योग्यजन अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण देय होगा-
2.राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम – 2018 के नियम – 6 ( 2 ) बी के अंतर्गत गठित समिति की बैठक दिनांक 10 दिसंबर 2021 में लिए गए निर्णयानुसार निम्नलिखित श्रेणी के विशेष योग्यजन को ही निम्नलिखित आरक्षण का निम्न लाभ देय होगा :
A. Blind BL/Low Vision LV – 1%
B. Hearing Impact HI – 1%
C. Locomotor Disability LD, Cerebral Palsy CP, DW, Accid Attack AAV एवं अन्य LC नि:शक्तजन – 1%
D. Multiple Disability MD – 1%
इस तरह सम्पूर्ण राजस्थान की बहुत सारी कैटेगरीयों को LD/CP categary Candidates में डाल दिया गया है! अतः LD/ CP Categary की जनसंख्या कुल दिव्यांगों में से लगभग 80% – 90% दिव्यांग LD/CP श्रेणी में आते हैं! और आरक्षण केवल 1% और वो भी होरिजेंटल या क्षैतिज आधार पर देय है! अतः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग LD/ CP Categary Condidates की अधिक संख्या को देखते हुये कम से कम 2% प्रतिशत आरक्षण या 1.80% रियायत दे क्योंकि बाकी 3 श्रेणियों में जैसे – BL,HI & MD/SLD की श्रेणियों में दिव्यांगों की संख्या बहुत ही कम है!
MD/SLD के नाम मात्र दिव्यांग Condidates है उन्हे 0.50% रियायत, BL दिव्यांगों को 0.80% और HI दिव्यांगों को 0.70% आरक्षण देय हो! इसके बावजूद भी अगर HI, MD, BL की सीट रिक्त रहती हैं तो उसे तुरंत इंटरचेन्जे या परिवर्तित करते हुए LD/CP या अन्य दिव्यांग श्रेणी से रिक्त पदों को भरा जाए!
इसके साथ ही दिव्यांग आरक्षण वास्तविक या आभासी( Vertical) रूप से किया जाए ना कि क्षैतीज रूप से( Horizantal) अर्थात यदि कोई दिव्यांग अभ्यर्थी अपने जाति वर्ग में जैसे- जनरल,ओबीसी, एमबीसी,ई.डब्लू.एस. व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की कट ऑफ में जगह बना लेता है तो उसे उसी जाती वर्ग में रखा जाए खासकर सामान्य वर्ग की कट ऑफ में आने वाले दिव्यांग प्रतिभागियों को सामान्य श्रेणी में ही रखकर उसे चयनित समान्य या उसी जाति वर्ग मे शामिल कर चयन किया जाए ना की उसे दिव्यांग श्रेणी में!
उदाहरण के तौर पर जैसे सामान्य श्रेणी की कट ऑफ 133 रहती है और दिव्यांग अभ्यर्थी के 134 या उससे अधिक अंक प्राप्तांक मे मिलते हैं या दिव्यांग अन्य किसी एससी,एसटी, ओबीसी,या अन्य श्रेणी में आता हों तो उसे जनरल श्रेणी में ही शामिल किया जाए ना कि दिव्यांग श्रेणी का उसे लाभ दिया जाए!
क्योंकि सामान्य वर्ग में सभी अभ्यर्थी बराबर हैं वह सभी अभ्यर्थियों के लिए होती है, जैसे कि एससी,एसटी,ओबीसी या अन्य को सामान्य श्रेणी में क्वालीफाई करने पर उसे सामान्य श्रेणी में ही रखा जाता है तो! उसी प्रकार दिव्यांगों को भी सामान्य श्रेणी के प्राप्तांकों या उससे अधिक प्रप्तांको होने पर उसे सामान्य वर्ग में ही चयनित किया जाए! उसके उपरांत यदि कोई दिव्यांग अभ्यार्थी अपनी जाती वर्ग श्रेणी में चयनित नहीं होता है तो उसे दिव्यांग आरक्षण का लाभ दिया जाए! क्योंकि कई बार देखने को मिलता है कि दिव्यांगजनों की कट ऑफ एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग से कहीं अधिक चली जाती है! जिससे दिव्यांगों को उनका वास्तविक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है! जिसकी वजह से दिव्यांग अभ्यर्थी रोजगार की मुख्य धारा में शामिल होने से वंचित रह जाते हैं और उन्हे जिंदगी भर बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ता है जी की दिव्यांगों के जीवन के लिए अभिशाप है!

इसके साथ ही बाहरी राज्य के (PH) दिव्यांग श्रेणी के परीक्षार्थियों को राज्य की दिव्यांग आरक्षण सीटो का लाभ ना देकर उनको अन्य सामान्य कैटेगरी की तरह केवल जनरल या सामान्य श्रेणी में रखने का नियम बनाया जाए!
वर्ष 2022 में अप्रैल व उसके बाद मे आयोजित होने वाली राजस्थान लोक सेवा आयोग, हाई कोर्ट, BSER, RSMSSB आदि अन्य सभी राजस्थान भर्तियों के लिए यह नियम जल्द संशोधन कर दिव्यांगों के हितों में इसे लागू किया जाना सुनिश्चित करें! जिससे कि दिव्यांगों को आम लोगों की तरह मुख्यधारा में जोड़ा जा सके और उन्हें सम्मानजनक जीवन यापन करने में सहयोग मिल सके!