DESH KI AAWAJ

फर्जी IPS बनकर की सगाई, उल्टा सैल्यूट किया तो पकड़ा गया

दिव्यांग जगत अजमेर (मुकेश वैष्णव)

फर्जी IPS बनकर की सगाई, उल्टा सैल्यूट किया तो पकड़ा गया

ऑनलाइन खरीदी वर्दी, पुलिस जवानों का सम्मान कर दिया

फेक न्यूज में बहादुरी के किस्से

पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट

अजमेर । गांव और समाज में रौब दिखाने के लिए एक 24 साल का युवक फर्जी आईपीएस बन गया। गांव से लेकर समाज और पुलिस अधिकारियों के बीच खूब मान-सम्मान भी करवाया। इस बीच उसकी सगाई भी हो गई।
लेकिन, जब वह साले और समाज के पदाधिकारियों के साथ उदयपुर घूमने आया तो सर्किट हाउस के मैनेजर को शक हुआ और उसने पुलिस को बुलाया। यहां जैसे ही उसने उल्टे हाथ से सैल्यूट किया तो वह पकड़ा गया। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की और उसके फेसबुक पेज को खंगाला तो वे खुद दंग रह गए।
मामला बुधवार को उदयपुर शहर के हाथीपाेल थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने कोटपूतली के रहने वाले फर्जी आईपीएस सुनील सांखला के साथ इंद्राज सैनी, अमित चौहान और सत्यनारायण कनोलिया को गिरफ्तार किया।
आरोपी डेढ़ साल से गांव और समाज के लोगों को बेवकूफ बना रहा था। यहां तक की वह कई यू-ट्यूब चैनल को फर्जी इंटरव्यू भी दे चुका था।

पढ़िए ये रिपोर्ट

गांव में बताया 263वीं रैंक हासिल की और सीबीआई ऑफिसर बन गया
पुलिस पूछताछ में सुनील ने बताया कि मैंने गांव के लाेगों को बताया था कि सीबीआई ऑफिसर बन गया हूं। खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताया था और मुंबई में पोस्टिंग बताता था। पूछताछ में सामने आया कि सुनील ने 2020 की भर्ती में यूपीएससी की तैयारी की थी, लेकिन उसका इसमें सिलेक्शन नहीं हुआ। इधर, गांव और समाज में रौब दिखाने के लिए सुनील ने झूठी कहानी बनाई। गांव और घर में बताया कि उसने 263वीं रैंक हासिल की है।
इससे पहले सुनील गांव और परिवार के लोगों को ये भी बता चुका था कि उसकी राजस्थान पुलिस और इनकम टैक्स में क्लर्क की नौकरी लगी है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। गांव और परिवार के लोग ये ही समझ रहे थे कि दोनों सरकारी नौकरी छोड़ कर उसने यूपीएससी क्रैक किया है।

गांव आया तो सम्मानित किया, सालभर पहले सगाई हुई

सुनील ने अपने परिवार और गांव में खुद के यूपीएससी में सिलेक्ट होने की झूठी कहानी फैला दी थी। जब वह गांव आया तो उसका माला पहनाकर गांव और परिवार के लोगों की ओर से स्वागत किया गया। इतना ही नहीं उसने और उसके दोस्तों ने सिलेक्शन को लेकर पोस्ट भी की। करीब सालभर पहले उसकी सगाई हुई थी। पूछताछ में सामने आया कि यहां भी उसने लड़की वालों को झूठी जानकारी दी।

हरियाणा और राजस्थान सीएम के नाम से बनवाए फर्जी लेटर

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी सुनील सांखला इतना शातिर था कि उसने खुद को आईपीएस में चयनित होने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्‌टर और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से शुभकामनाएं देने वाली फर्जी लेटर बनवा रखे थे। ताकि परिवार और रिश्तेदारों को इस पर विश्वास हो जाए। इन फर्जी लैटर को उसने अपने फेसबुक पेज पर भी पोस्ट कर रखा था।

ऑनलाइन मंगवाई पुलिस वर्दी, ऐप से बनवाया फर्जी आई कार्ड

गांव में मान-सम्मान के साथ रौब और ससुरालवालों के सामने अपनी धाक जमाने के लिए सुनील ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उसे पता था कि इस झूठी कहानी के बाद उसे वर्दी की जरूरत होगी। ऐसे में सुनील ने ऑनलाइन पुलिस की वर्दी मंगाई थी। साथ ही उसने बैज, वर्दी में कंधे पर लगे थ्री स्टार और बेल्ट आदि सामान बाजार से खरीदे थे। फर्जी सीबीआई अफसर की आईडी ऐप के जरिए बनवाई थी, जिसमें भारत सरकार का चिन्ह लगा था।

उदयपुर में पकड़ा गया तो साले को पता चला

24 जनवरी को सुनील अपने साले अमित और समाज के लोगों के साथ उदयपुर घूमने पहुंचा था। तब तक इनमें से किसी को नहीं पता था कि सुनील फर्जी आईपीएस बनने का नाटक कर रहा है। जब पुलिस ने सुनील को पकड़ा और बताया कि ये फर्जी है तो उसके साले अमित की आंखें फटी रह गई। वहीं समाज के लोगों को भी विश्वास नहीं हुआ कि सुनील ऐसा कर सकता है। क्योंकि वे उसे आईपीएस ऑफिसर की मान रहे थे और इसी के चलते गांव और समाज में उसका रुतबा था।

न्यूज चैनल्स को दिए इंटरव्यू में बोला- रोज 8 से 10 घंटे की पढ़ाई की

आरोपी सुनील यूपीएससी में खुद को सिलेक्ट बताकर अपनी खूब वाहवाही लूटी। जब उसके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला गया तो वहां उसने एक लोकल न्यूज चैनल का इंटरव्यू पोस्ट कर रखा था। इस इंटरव्यू में भी उसने अपनी तैयारियों को लेकर झूठी जानकरी दी।
इंटरव्यू में उसने बताया- मैंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बानसूर से 12वीं की पढ़ाई की। एक कोचिंग सेंटर में लगातार दो साल तक तैयारी करता रहा। यूपीएससी 2022 की वैकेंसी में मुझे 263वीं रैंक प्राप्त हुई है। इसका पूरा रहस्य ये है कि मैंने हार्ड वर्क में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इंटरव्यू में उसने कहा कि आईपीएस बनाने में मेरे गांववासी और मेरे माता-पिता का सहयोग रहा। प्रतिदिन 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई की। ऐसा कोई दिन नहीं छोड़ा, जिस दिन पढ़ाई नहीं की। यूपीएससी ऐसी कठिन परीक्षा नहीं है। इसे हर विद्यार्थी कर सकता है, जिसमें लगन और मेहनत करने की योग्यता हो।

फेसबुक पर कई फर्जी और झूठी पोस्ट, अखबार की कटिंग से तैयार की फेक न्यूज

सुनील इतना शातिर निकला कि उसने फेसबुक पर अपनी फर्जी नौकरी को लेकर भी कई पोस्ट कर रखी थी। एक फेसबुक पोस्ट में सुनील ने खुद का वर्दी में फोटो डालकर ये तक लिखा हुआ है कि सर्विस के एक साल पूरे हुए।
इतना ही नहीं पुलिस विभाग के कई कार्यक्रमों में वह पुलिस अधिकारियों और जवानों को सम्मानित भी कर चुका था। लोगों को विश्वास आ जाए कि सुनील वाकई में बड़ा ऑफिसर है, इसके लिए वह अखबारों की कटिंग से खुद की फेक न्यूज तैयार कर लोगों के साथ शेयर करता था।
इनमें से एक अखबार की क​टिंग में सुनील ने लॉरेंस और उसके गुर्गों से जुड़ी खबर में खुद का फोटो लगाते हुए यह लिखा कि- आईपीएस सुनील की रही बड़ी भूमिका। वहीं एक और अखबार की क​टिंग में फोटो लगाकर लिखा- राजस्थान के आईपीएस को पंजाब पुलिस में मिली बड़ी जिम्मेदारी।
उदयपुर पुलिस ने जब जांच की तो सुनील के पास से इस तरह के बैज और स्टार भी बरामद हुए। पुलिस अब जांच कर रही है कि इनका कहीं गलत यूज तो नहीं लिया।

ऐसे खुला फर्जी आईपीएस का राज, सर्किट हाऊस के मैनेजर को लगा था संदिग्ध

सर्किट हाउस मैनेजर नरेश वर्मा ने बताया कि सुनील अपने साथी के साथ 24 जनवरी को सर्किट हाउस में आया था। उसकी बॉडी लैंग्वेज और बात करने के तरीके से लग गया था कि वह आईपीएस नहीं है। वह अपने तीन साथियों के साथ ऑटो में बैठकर सर्किट हाउस पहुंचा था। जब वह बात कर रहा था तो बार-बार जी-जी कहते हुए सिर झुका रहा था। कपड़े भी काफी सामान्य पहने हुए थे। इससे 99 प्रतिशत शक हो गया था कि यह फर्जी है।
हाथीपोल थाना अधिकारी लीलाराम ने बताया कि मैनेजर के फोन आने के बाद हम वहां पहुंचे। मैनेजर से बातचीत की तो हमें भी शक होने लगा। ऐसे में असलियत जानने के लिए जैसे ही मैंने सुनील को सैल्यूट किया तो जवाब में उसने उल्टे हाथ से सैल्यूट किया। कंफर्म हो गया था कि ये फर्जी है। जब उसे थाने लाए तो पूरी पोल खुलकर सामने आ गई।

admin
Author: admin