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कोरिया -15 अक्टूबर तक बनेगे 50 हजार नए किसान क्रेडिट कार्ड

कोरिया -15 अक्टूबर तक बनेगे 50 हजार नए किसान क्रेडिट कार्ड

कलेक्टर श्री धावड़े ने लक्ष्य को पूरा करने कृषि, सहकारिता सहित संबंधित विभागों की ली बैठक

हर 15 दिन में हमर जंगल हमर आजीविका की समीक्षा और निगरानी स्वयं करेंगे कलेक्टर, आदिवासी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने योजना के पुनर्जीवन को चुनौती के रूप में लेते हुए काम करने के निर्देश दिए

कोरिया : जिला कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज कलेक्टर श्री श्याम धावड़े की अध्यक्षता में कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक 50 हज़ार किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का लक्ष्य दिया है। किसान क्रेडिट कार्ड योजनान्तर्गत कृषि, उद्यानिकी, रेशम, सब्जी उत्पादक किसान, मत्स्य पालक, पशुपालक, वनाधिकार पट्टा धारी किसान भी शामिल हैं। उन्होंने सभी कृषि अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि समितियों में लगाये जा रहे कैम्प के अतिरिक्त गांवों में डोर-टू-डोर जाकर भी उन किसानों को जागरूक करें, जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है। उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे और उपयोग के तरीके बताए जिससे वे एजेंटों और सूदखोरों के जाल से बच सकें। केसीसी किसानों के मजबूती एवं समृद्धि के लिए आवश्यक है। केसीसी बनवाने के लिए डोर टू डोर अभियान चलाएं और आवेदन जमा करें। दस्तावेजो को एकत्र करना, बैंक खाता खुलवाना इन समस्त प्रक्रियाओं में किसानों को परेशान ना होना पड़े, ये अवश्य सुनिश्चित करें।

हर 15 दिन में हमर जंगल हमर आजीविका की समीक्षा और निगरानी, आदिवासी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने योजना के पुनर्जीवन को चुनौती के रूप में लेते हुए काम करने के निर्देश दिए

बैठक में कलेक्टर ने हमर जंगल हमर आजीविका योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम देवखोल में योजना के क्रियान्वयन को चुनौती के तौर में लेकर काम करना शुरू करें। हर 15 दिन में समीक्षा की जायेगी और सतत निरीक्षण भी किया जाएगा। शासन की मंशानुरूप इस क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने इस योजना का मूल है। उन्होंने कहा कि जल्द कार्ययोजना तैयार करें और लोगों को जोड़ें। कृषि के तरीकों को परम्परागत रखें। अधिक उत्पादन के लिए संवहनीय कृषि के तरह उन्नत कृषि तकनीकों श्री विधि, मचान, बहुफसलीय आदि का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी किसान स्वयं मेहनत करें और विभाग आवश्यक सहयोग करें। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत महिलाओं को भी स्वसहायता समूहों से जोड़ें। बैठक में सीइओ जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत एवं कृषि, सहकारिता, तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अधिकारी उपस्थित रहे।

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