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Jain:22 मई को पूरा परिवार लेगा जयपुर में सन्यास,11 करोड़ की सम्पति करेंगे दान

बालाघाट के सराफा कारोबारी राकेश सुराना ने अपनी पत्नी और 11 साल के बच्चे के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का फैसला किया है। वे अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गोशाला में दान करेंगे। जैन समाज ने सुराना परिवार के फैसले को लेकर उनका स्वागत किया और पूरे परिवार का सम्मान किया।

सकल जैन समाज ने मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में नगर के लोग शामिल हुए। दीक्षा ग्रहण करने के पूर्व राकेश सुराना उनकी पत्नी लीना सुराना और 11 वर्षीय बेटे अमय सुराना की धूमधाम से विदाई की।

सुराना परिवार 22 मई को जयपुर में जैन दीक्षा ले कर संन्यासी बन जाएंगे। अभिनंदन समारोह में प्रमुख रूप से श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, मणिधारी मंडल, मानवता, स्वाध्याय मंडल, नवयुवक मंडल, कायस्थ समाज, जिन कुशल सूरी बहू मंडल, महिला मंडल, दादाबाड़ी संस्था, महावीर जन्म उत्सव समिति और धार्मिक संस्थाओं ने सुराना दंपति का अभिनंदन किया।

2015 में हृदय परिवर्तन के बाद लिया फैसला

सुराना ने बताया कि उन्हें धर्म, आध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा गुरु महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचनों और उनके सानिध्य में रहते हुए मिली। वहीं उनकी पत्नी ने बचपन में ही संयम पथ पर जाने की इच्छा जाहिर कर दी थी। बेटे अमय महज चार साल की उम्र में ही संयम के पथ पर जाने का मन चुके थे। हालांकि, बेहद कम उम्र के कारण अमय को सात साल तक इंतजार करना पड़ा।

छोटी सी ज्वेलरी दुकान से शुरू किया कारोबार

राकेश बालाघाट में सोने-चांदी के कारोबार से जुड़े हैं। कभी छोटी-सी दुकान से ज्वेलरी का कारोबार शुरू करने वाले राकेश ने अपने दिवंगत बड़े भाई की प्रेरणा, अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से इस क्षेत्र में दौलत और शोहरत दोनों कमाई। आधुनिकता के इस दौर की सुखमय जीवन की तमाम सुविधाएं उनके घर-परिवार में थीं। उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, लेकिन सुराना परिवार अपनी सालों की जमा पूंजी दान कर आध्यात्म की तरफ रुख कर रहे हैं।

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