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अरवड़ में कथा के छठे दिन रुकमणि विवाह में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर किया कन्यादान

अरवड़ में कथा के छठे दिन रुकमणि विवाह में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर किया कन्यादान

संसार में सत्य से बढकर कोई धर्म नहीं- आचार्य दाधीच

अजमेर । जीवन में सत्य से बढकर कोई धर्म नहीं तथा झूठ से बढकर कोई पाप नही यह उदगार अरवड मे चल रही कथा के दौरान कथा वाचक पण्डित सिद्धांत दाधीच ने कहे । कथा मे दाधीच ने कहा कि ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मनुष्य है, मनुष्य को ईश्वर ने निष्पाप और अद्भुत रूप में संवार कर धरती पर प्रेम और सहयोग के लिए बनाया है, परन्तु जन्म के पश्चात जैसे-जैसे आयु बढती है धरती पर व्याप्त विभिन्न लालच व लालसा में वह चारों ओर से घिर जाता है, जिससे उसके मन में विरोध व बेर उत्पन्न हो जाता है । जो कि मनुष्य के मन को कलुषित कर पाप की ओर अग्रसित कर देता है। बुधवार को कथा में बताया कि भगवान ने असंख्य गोपियों के साथ रास किया व काम पर विजय पाई, और काम देव को कोपिन पहनाकर आकाश में उल्टा लटका दिया। भोले बाबा गोपी बनकर रास में आए, जबसे भोले बाबा का नाम गोपेश्वर महादेव हो गया। इसके बाद कंश वध पर कथा हुई, जिसमें भगवान के यहां अन्याय के चलने पर अपने मामा का भी वध करना पडा, इसमें भगवान से यह सीख मिलती है कि भक्त कोई भी बन सकता है पर अन्याय करने वालों को भगवान भी माफ नहीं करते चाहे वो मामा ही क्यों ना हो। इसके पश्चात रुकमणि जी से विवाह हुआ, जिसमें भक्तों ने खूब आनन्द लिया, व बढ़-चढ़ कर भाग लिया। बुधवार को हवन में हनुमान सिंह राठौड़, भानुप्रताप सिंह राठौड़, सत्येन्द्र सिंह राठौड़ ने सपत्नीक आहुतियां दी। पंडित मुकेश कुमार यज्ञाचार्य व आचार्य सत्यनारायण वेद्धाचार्य ने बताया कि कल सुदामा चरित्र व परिक्षित मोक्ष के साथ भागवत जी का विश्राम होगा।

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