बेटे के जन्मदिन पर पति-पत्नि ने रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल
बेटे का जन्मदिन पर पति-पत्नि ने रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल
मुकेश पोटर/दिव्यांग जगत “
रक्तदान”करने को लेकर गुर्जर समाज के लोगों में उत्साह की कमी को जोड़ने एवं सामाजिक चेतना लाने की कड़ी में पंकज दायमा ने पुत्र प्रांजल दायमा का जन्मदिन हम हर बार की भांति रक्तदान करके मना रहे हैं। जिसमें पत्नी आशा देवी एवं छोटा भाई भगवान सिंह दायमा का सहयोग विगत 4 वर्षों से लगातार मिल रहा है। आज पंकज दायमा ने 26 वी बार तथा पत्नी ने चौथी बार एवं छोटे भाई ने छठवीं बार रक्तदान कर पुत्र का जन्म दिवस मनाया। रक्तदान एक महादान होता है। एक मनुष्य का एक बार दिया हुआ रक्त 3 लोगों के जीवन को बचा सकता है। दायमा कहते है कि मुझे गर्व महसूस होता है की इस कार्य ने मुझे मेरे समाज द्वारा “रक्त वीर युगल”जैसे शब्द देकर नवाजा। और यह काम आपके लिए भी नामुमकिन नहीं है।बस हमारी तरह ही दृढ़ संकल्प एवं लोगों को बचाने का सपना मन में दृढ़ निश्चय के साथ करना होगा। निसंदेह हम कह सकते हैं इसका आपके दैनिक कार्य करने पर या फिर शारीरिक कमजोरी का कोई प्रभाव नहीं होता है। अपितु आप स्वयं के शरीर में होने वाले अनेक बीमारियों से भी आप बच सकते हैं। और आप भी हमारी तरह संकल्प लें की घर में होने वाले छोटे उत्सव जैसे शादी सालगिरह, बच्चों के जन्मदिन, एवं अन्य आयोजनों पर रक्तदान करके स्वयं के शरीर सहित लोगों की जान बचाने में सहयोग प्रदान करे।