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अधिकार पाने के लिए दिव्यांग 45 किमी ट्राई साइकिल चलाकर पहुंचा

दिव्यांग 45 किमी ट्राई साइकिल चलाकर पहुंचा दमोह

दमोह। शासकीय योजनाओं का लाभ हासिल करने दिव्यांगों को किस तरह से परेशानी उठानी पड़ती है इसका एक उदाहरण रविवार की रात जिला अस्पताल में देखने मिला जहां पटेरा ब्लाक के बिलाखुर्द गांव का एक दिव्यांग 45 किमी तक ट्राई साइकिल चलाकर दमोह पहुंचा और यहां आते-आते रात हो गई और उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया जिससे वह जिला अस्पताल के बाहर दीवार से टिककर बैठ गया। इसी दौरान दिव्यांग से कुछ लोगों ने पूछताछ की तो पता चला कि वह बीमार है और कहीं उसकी ट्राई साइकिल चोरी न हो जाए इस डर से वह अस्पताल में इलाज कराने नहीं जा रहा। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।

यह सुनाई दिव्यांग ने अपनी आपबीती : पटेरा ब्लाक के बिलाखुर्द गांव निवासी 32 वर्षीय दिव्यांग गणेश पटेल ने बताया कि उसका 50 प्रतिशत का दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बना हुआ है और उसके पास एक ट्राईसाईकिल है जिससे वह आना-जाना करता है लेकिन उसे बैटरी से चलने वाली मोट्रेट ट्राई साइकिल चाहिए। इसलिए उसने सरपंच और सचिव से बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायत में ऐसी कोई योजना नहीं है इसके बाद वह हटा विधायक के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र ले आओ तो तुम्हारे लिए मोट्रेट ट्राई साइकिल दिला देंगे। यह बात सुनकर उसे लगा कि सीधे दमोह चलना चाहिए इसलिए उसने ट्राई साइकिल से हटा से दमोह का सफर शुरू कर दियाए लेकिन दमोह आते-आते रात हो गई और उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया सांस फूलने लगी। अस्पताल में इलाज कराना तो चाह रहा था लेकिन मुझे लगा कि इलाज कराने जाऊंगा तो कहीं कोई मेरी ट्राई साइकिल चोरी न कर ले इसलिए वह बाहर बैठ गया। दिव्यांग ने बताया कि वह दमोह आया है। यदि उसका प्रमाण पत्र बन जाता है तो उसे मोट्रेट ट्राई साइकिल मिल जाएगी बहरहाल दिव्यांग का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

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