DESH KI AAWAJ

Cricket : दिव्यांग क्रिकेटर लव वर्मा को 7 वर्षों से मिल रहा है आश्वाशन

दिव्यांग क्रिकेटर लव वर्मा को 7 वर्षों से मिल रहा है आश्वाशन

सोनभद्र के अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर लव वर्मा उप्र मुख्यमंत्री से लगाई रोजगार की गुहार :-

सोनपरा-उत्तर प्रदेश सरकार के मा.मुख्यमंत्री जी के निर्णय का स्वागत है जिस तरह वे खिलाड़ियों के लिए आगे आये हैं वे काबिलेतारीफ है ।
हमारे गुरुजन ने सदैव यही शिक्षा दी है कि सम्मान मांगा नहीं जाता है उसके काबिल बनना पड़ता है सम्मान के लिए ईमानदारी से मेहनत करनी होती है तब जाकर सम्मान प्राप्त होता है । प्रदेश के मुखिया ओलंपिक में पदक विजेताओं को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में लाखों/करोडों रुपये देकर सम्मानित कर रहे हैं और अन्य राज्यों की सरकार ” ए ” ग्रेड नौकरी दे रही है । प्रदेश के मुख्यमंत्री अन्य राज्यों के खिलाड़ियों पर करोड़ों रुपये देकर उन्हें सम्मान दिया है जो खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है ये उक्त बातें अनपरा, सोनभद्र निवासी लव वर्मा, दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया ( नीति आयोग- भारत सरकार से सम्बंधित ) द्वारा संचालित भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के उपकप्तान एवं
युवा भारत खेल प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक लव वर्मा ने लखनऊ में हुए ओलंपिक पदक विजेताओं के सम्मान के वक्त अनपरा सोनभद्र से कहीं ।
दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया की सीईओ ग़ज़ल खान और महासचिव हारून राशीद ने बताया कि लव वर्मा ने 2015 में 5 देशों के टी-20 दिव्यांग एशिया कप विजेता बनाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी ।
एक बड़ा प्रश्न ये है कि मान-सम्मान से रोजी रोटी चलेगी हमने कभी भी पैसों की माँग कभी नहीं की सिर्फ पेट पालने के लिए प्रदेश के किसी भी जनपद के किसी भी विभाग के लिए खेल/दिव्यांग कोटे के तहत रोजगार के लिए मांग की जिससे कि रोजी रोटी भी चलती रहे, खेल पर भी ध्यान रहे और अपने भारत देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे । हमारा कसूर सिर्फ इतना ही है कि हम दिव्यांग है, क्या ” दिव्यांग ” शब्द से रोजी रोटी चलेगी ?
मा.प्रधानमंत्री जी ने ” दिव्यांग ” शब्द दिया जिसके अर्थ ” दिव्य शक्ति, अद्भुत शक्ति एवं इस समाज के विशेष व्यक्ति ” ।
फिर भी हमें सामान्य खिलाड़ियों से नीचे क्यों रखा गया है ? दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी भी देश के लिए ही खेलते हैं ।
लगभग 7 वर्षों से सिर्फ आश्वासन-आश्वासन-आश्वासन ही मिल रहा ।
मा.सांसद,मा.ओबरा विधायक, मा.सदर विधायक द्वारा मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा जा चुका है साथ जनपद सोनभद्र की औदौगिक इकाईयों को भी ।
प्रदेश सरकार के मा.ऊर्जा राज्यमंत्री, मा.बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्रक सौंपने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं । दिव्यांग क्रिकेट खेलना अगर गुनाह है तो सामान्य खिलाड़ियों को इतनी सुविधाएँ क्यों वो देश के लिए खेलते हैं तो हम दिव्यांग भी देश के लिए खेलते हैं । उनको करोड़ो रूपये के साथ साथ ” ए ” ग्रेड नौकरी और दिव्यांग क्रिकेट पैसे की मांग न करके सिर्फ जीविकोपार्जन का साधन मांग रहा पिछले लगभग 7 वर्षों से ।
हमारे संविधान में सभी को एक समान अधिकार दिया गया है तो दिव्यांग क्रिकेटर को भी उनका हक मिले।

admin
Author: admin