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मानवता शर्मसार : दिव्यांग पर भड़के कलेक्टर, सीएम ने हटाया

मानवता शर्मसार : दिव्यांग पर भड़के कलेक्टर, सीएम ने हटाया

सुखराम मीणा / दिव्यांग जगत

इंदौर- दिव्यांग कृष्णा उर्फ सोनू पाठक की जन सुनवाई मे सिर्फ गलती यह थी कि वह अपने मृत दादाजी के पैतृक मकान को अपने नाम कराना चाहते थे। और इसके लिए कई बार कलेक्टर कार्यालय और नगर निगम के कार्यालय चक्कर काट चुके थे। मंगलवार को वे एक बार फिर जनसुनवाई में आए। वह किसी तरह सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जनसुनवाई सभागार के दरवाजे तक पहुंचे। यहां सिपाहियों और कर्मचारियों ने सभागार में जाने से रोका और पंजीयन की पर्ची मांगी।

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उन्हें केवल इसलिए रोका गया कि वे बार-बार जनसुनवाई में आ रहे थे। किसी तरह उन्होंने कर्मचारियों को मनाया। पहले तो कर्मचारी उनके लिए व्हीलचेयर नहीं लाए लेकिन बाद में इंतजाम किया और अंदर ले गए। वे त्रस्त हो चुके थे।

दिव्यांग को चलने के साथ ही बोलने में भी समस्या थी। अपर कलेक्टर पवन जैन के सामने पहुंचकर उन्होंने टेबल पर जोर से फाइल और अपना मोबाइल फोन पटका। इससे मोबाइल का कवर खुल गया और बैटरी निकलकर नीचे गिर गई। मोबाइल का कवर अपर कलेक्टर के चेहरे पर जा टकराया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पाठक के व्यवहार से नाराज अपर कलेक्टर जैन ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जबकि उनके गार्ड ने दिव्यांग व्यक्ति को दो बार थप्पड़ मारे। थप्पड़ इतने जोर से मारा कि व्हीलचेयर पर बैठे पाठक फर्श पर गिर गए और फाइल के दस्तावेज बिखरे हुए थे। पाठक को बाद में जनसुनवाई कक्ष से बाहर कर दिया गया जिससे वहा के दर्शक इसे नोकरशाही की तानाशाही कह रहे है।
दिव्यांग जगत पत्रिका ने इस बात का घोर विरोध कर उप कलेक्टर को निलम्बित करने की पुरजोर मांग उठा कर पीड़ित दिव्यांग को त्वरित न्याय दिलाने की मांग की है।

खबर का असर-

दिव्यांग से गलत व्यवहार, पुलिस से पिटवाने वाले सिपाही को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतत: इंदौर के एडीएम पवन जैन को इंदौर से हटाकर भोपाल अटैच कर दिया। जैन ने जनसुनवाई के दौरान एक दिव्यांग के साथ अभद्रता की थी और पुलिस से उसकी पिटाई भी कराई थी। मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसी दिव्यांग के साथ ऐस व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

सीएम का बयान- दिव्यांगों से संवेदनशील व्यवहार जरूरी

मुख्यमंत्री चौहान ने पवन जैन को हटाने के साथ कहा कि जनसुनवाई में पहुंचे दिव्यांग के साथ उनके द्वारा किए गए व्यवहार और पूरे मामले की समीक्षा के बाद कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है अधिकारी दिव्यांगों से संवेदनशील व्यवहार रखें।

पहले भी निलंबित हो चुके जैन विवादो से रहा है नाता-

मुख्यमंत्री ने 2016 में पवन जैन को बैतूल में निलंबित किया था लेकिन बाद में सिफारिश पर 8 दिन के अंदर ये इंदौर पदस्थ होने में सफल हो गए थे। ये बैतूल में आदिवासियों की जमीन बेचने के मामले में फंसे थे। यहां भी जमकर मनमानी की। दो साल से पटाखे वालों के रेकैट में भी ये जुड़ गए थे। दुकानें घटाना, बढ़ाना और व्यापारियों पर दबाव बनाने का काम कर रहे थे। पवन जैन अभी पिछले दिनों प्रोटोकॉल सहित अन्य मामले में निपटते निपटते बचे थे।

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