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जानलेवा गंभीर बीमारी DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) से ग्रसित बच्चों को मिले समुचित चिकित्सा एंव आर्थिक सहायता: सांसद भागीरथ चौधरी

जानलेवा गंभीर बीमारी DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) से ग्रसित बच्चों को मिले समुचित चिकित्सा एंव आर्थिक सहायता: सांसद भागीरथ चौधरी

सांसद चौधरी ने प्रधानमंत्री, केन्द्रिय स्वास्थ्य मंत्री एंव प्रदेष के मुख्यमंत्री एंव चिकित्सा मंत्री को लिखा पत्र रखी मांग।

हर वर्ष देष में इस बिमारी से लगभग 5000 बच्चो की हो रही है असामयिक मृत्यू।

प्रदेष में लगभग 1000 बच्चे है इस रोग से पीडित

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने देश एंव प्रदेश में जानलेवा गंभीर बीमारी DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) से ग्रसित बच्चो को समुचित चिकित्सा सहायता के साथ-साथ उन्हें जन कल्याणकारी योजनाओ के तहत आर्थिक सहायता दिलाने हेतु देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया के साथ-साथ प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री अशौक गहलोत एंव चिकित्सा मंत्री श्री परसादीलाल मीणा को पत्र लिखा और इस रोग से पीडित बच्चो को समुचित उपचार एंव उनकी देखभाल हेतु परिवार को विशेष श्रेणी बनाकर आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग रखी। सांसद श्री चौधरी ने पत्र के माध्यम से उन्हे अवगत कराया कि प्रदेश में जानलेवा गंभीर बीमारी DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) से ग्रसित बच्चो के परिजनो ने गत दिनों मुझे ज्ञापन देकर इस रोग से पीडित बच्चो को समुचित चिकित्सा एंव आर्थिक सहायता के संबध में निवेदन किया है। वर्तमान में राजस्थान प्रदेश में उक्त रोग से पीडित 1000 मरीज है । इस बीमारी की शुरूआत में 05 वर्ष तक बच्चा सामान्य रहता है , लेकिन जैसे-जैसे वह बडा होता है उसकी समस्या बढती जाती है और उसे चलना-फिरना बन्द हो जाने पर अपने दैनिक कार्यो हेतु परिवारजनो पर निर्भर होना पडता है तथा शेष जीवन व्हीलचेयर पर आ जाता है और उक्त रोगी की औसत आयु 10 से 20 वर्ष ही रह जाती है। चुंकि उक्त गंभीर एंव जानलेवा DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) का सम्पूर्ण विश्व में कोई चिकित्सीय इलाज नही है और इस रोग से पीडित बच्चो के अभिभावक चाहते है कि इस बीमारी की दवा बनाने के लिये देश में ही शोध हो तथा जबतक इलाज नही आता है तब-तक इस रोग से पीडित बच्चो को समुचित उपचार एंव उनकी देखभाल हेतु परिवार को आर्थिक सहायता विशेष श्रेणी बनाकर प्रदान की जाये। ज्ञात रहे कि देश के विभिन्न राज्यो में प्रतिवर्ष लगभग 5 से 6 हजार बच्चे उक्त गंभीर रोग से पीडित होकर मौत के मुॅह में समा जाते है। गत दिनों 24 मार्च को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर उक्त रोग से पीडित बच्चो एंव उनके परिवारजनों ने इस द्यातक बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के उदेष्य से एक प्रर्दशन एंव रैली का आयोजन भी किया और सरकार से उक्त बीमारी से पीडित बच्चो का डाटाबेस तैयार कर, देश के सभी अस्पतालो में निशुल्क जांच, इलाज एंव थैरेपी के साथ-साथ पेंशन एंव देखभाल हेतु जन कल्याणकारी योजनाओं की स्वीकृति जारी कराने की मांग रखी थी। अतः उक्त जानलेवा गंभीर बीमारी DMD (डिजिज ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रोफी) से ग्रसित बच्चों की समुचित चिकित्सा एंव आर्थिक सहायता हेतु संबधित मंत्रालय को निर्देशित कराकर पीडित परिवारों को राहत प्रदान करावे।

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