Rajasthan में अब तक औसत से 3 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज, जारी रहेगी मानसून की मेहरबानी

Jaipur: प्रदेश में एक बार फिर से मानसून (Monsoon) की सक्रियता ने लोगों को राहत की सांस दी है. 18 जून प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी. इसके साथ ही इस साल प्रदेश में मानसून का मिला-जुला असर देखने को मिला लेकिन अब जाता हुआ मानसून लोगों को राहत दे रहा है.

इस मानसून सीजन की अगर बात की जाए तो अब तक राजस्थान (Rajasthan) में औसत से 3 फीसदी अच्छी बारिश दर्ज की जा चुकी है और मानसून की बढ़ी हुई सक्रियता के चलते अब प्रदेश में 30 सितंबर तक मानसून की बारिश का असर देखने को मिल सकता है.

बीते करीब एक सप्ताह से प्रदेश में मानसून की सक्रियता में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बीते एक सप्ताह पहले तक मानसून की बेरुखी के चलते प्रदेश में औसत से कम बारिश दर्ज की गई थी लेकिन बीते एक सप्ताह से हो रही बारिश के चलते अब राजस्थान ने राहत सांस ली है. राजस्थान में अब तक औसत से 3 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है. राजस्थान में इस मानसून सीजन में अब तक 410.1 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है.

प्रदेश में अब तक औसत से 3 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
राजस्थान में अब तक इस मानसून सीजन में 410.1 एमएम बरसा पानी
अब तक राजस्थान में दर्ज होनी थी 399.4 एमएम बारिश
पूर्वी राजस्थान में अब तक 6 फीसदी ज्यादा बारिश की जा चुकी है दर्ज
तो वहीं पश्चिमी राजस्थान में अभी भी औसत से 3 फीसदी कम बारिश दर्ज

प्रदेश में अब तक औसत से 3 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
राजस्थान में अब तक इस मानसून सीजन में 410.1 एमएम बरसा पानी
अब तक राजस्थान में दर्ज होनी थी 399.4 एमएम बारिश
पूर्वी राजस्थान में अब तक 6 फीसदी ज्यादा बारिश की जा चुकी है दर्ज
तो वहीं पश्चिमी राजस्थान में अभी भी औसत से 3 फीसदी कम बारिश दर्ज

कब तक बनी रहेगी मानसून की मेहरबानी
मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में मानसून की मेहरबानी बनी रहने की संभावना है. इस दौरान पूर्वी राजस्थान के अधिकतर जिलों में जहां मध्यम से तेज बारिश दर्ज होने की संभावना है तो वहीं उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश होने की भी संभावना है.

इसके साथ ही पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) के अभी अधिकतर जिलों में आने वाले सप्ताह में मानसून की अच्छी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही इस साल मानसून की सक्रियता भी 30 सितंबर तक बनी रहने की संभावना है.

Author: LALIT Kumawat

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