राजगढ धाम पर हुआ अखण्ड़ ज्योति का विधिवत समापन
राजगढ धाम पर हुआ अखण्ड़ ज्योति का विधिवत समापन
राजगढ़ गांव की ओर से चढ़ा झंडा
मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर चल रहे चैत्र नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा । देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला नवमी रात्री से ही हो गया था । बाबा भैरव व माँ कालिका के जयघोष के साथ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा मनोकामना पूर्ण स्तम्भ की पूजा-अर्चना कर बाबा भैरव व माँ कालिका की आरती की गई। धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा 10 दिनो तक विशेष पुलिस बल तैनात किया गया । चिकित्सा विभाग द्वारा मेडिकल की टीम लगाकर व्यवस्था की गई। मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा चैत्र नवरात्रा मेला महोत्सव दस दिनो तक चली अखण्ड़ ज्योति का प्रातःकाल चम्पालाल महाराज के कर कमलो द्वारा विधिवत समापन किया गया। समापन के पश्चात धाम पर आये हुए सभी श्रद्वालुओ को अखण्ड ज्योति की विशेष रामबाण ओषधी रूपी चिमटी (भभूत) का वितरण किया गया। धाम पर यह अखण्ड़ ज्योति निरन्तर 24 घण्टे चलती रही जो कि लगातार 9 दिनो तक प्रज्जवलित रही। इस अखण्ड़ ज्योति की विशेषता यह है कि जिस पात्र में इसको प्रज्जवलित किया जाता है उसमे हजारो नारियल की संख्या में नारियल की चिटक, कई पीपे तेल के व धूप हवन सामग्री ड़ालने पर भी यह पात्र कभी भरता नही है। इस अखण्ड़ ज्योति के दर्शन मात्र से ही आये हुए सभी श्रद्वालुओ के रोग कष्ट बाधाए आदि दूर हो जाती है। धाम पर आये श्रद्वालुओ ने सर्वधर्म मनोकामना पूर्ण स्तम्भ की विशेष परिक्रमा कर बाबा भैरव से अपनी मन्नत मांगी। पंजाब प्रांत से आए हुए भक्तो ने डॉ नरेंद्र तूर के सानिध्य में चंपालाल महाराज पंजाबी पगड़ी पहनाकर और कृपाण भेट कर स्वागत किया और
नवमी की रात्री मे भजन गायक ज्याति सैनी एवं ममता सोनी ने अपनी मधुर आवाज में भैरू जी नाना रे नाना, दरबार है निराला काली के लाल का, अब तो आजा रे भैरू जी, मैया रानी तो छिप रही पहाड़ा मे, आजा ये भवानी,राजगढ मे लाग्यो दरबार,झीणी झीणी उडे रे गुलाल आदि भजनो को सुनकर मंत्रमुग्ध होकर झूम झूम कर नाचने लगे।
राजगढ़ गांव की और से चढा झंड़ा
राजगढ़ धाम पर चैत्र नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह से पूर्व नवमी की रात्री में गांव राजगढ़़ ग्रामवासियो की और से बाबा भैरव नाथ व मां कालिका के झंड़ा चढाया गया। झंडा रात्री 8 बजे ग्राम राजगढ़ सदर बाजार से प्रारम्भ होकर ढोल ढमाको एवं ड़ीजे की धुन पर नाचते गाते झुमते हुए चक्की वाले बाबा के मंदिर पर धोक लगाई फिर वही से जुलुस के रूप में ग्रामवासी नाचतें गाते मुख्य मंदिर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ पर चल रही अखण्ड़ ज्योति स्थल पर 11.30 बजे पहुँचा। जिसके बाद ठिकाना राजगढ़ के ठा. प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में पाँचू माली,ओमप्रकाश सेन,विष्णु सेन,
हरी माली,सदानन्द विश्वास,रामदेव माली,मोनू गुर्जर,भाचन्द माली, नारायण मोर्य, ओमप्रकाश, सुरेश, कन्हैयालाल, मनीष ,कमल, तेजमल आदि राजगढ़़ ग्रामवासियो की और से मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज का शाफा व शॉल ओढाकर भव्य स्वागत किया गया। चैत्र नवरात्रा मेले के दौरान सुचारू व्यवस्था संभालने के लिए व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश सेन, अविनाश सैन, प्रकाश रांका, राहुल सैन, के साथ, पदम जैन, रामाकिशन मारोठी,गोपाल सेन, हरिनिवास काबरा,राजू चावड़ा,कमल शर्मा, टी.एस. राणावत,राजकुमार त्रिपाठी, मनोहर सिंह, धर्मेन्द्र, सुरेश दायमा, तिलोक जटिया, महेन्द्र रावत, रामसिंह बाबल, मोहन छीपा, कैलाश सेन, श्रवण रावत, चेतन आनन्द, पुनीत जांगीड़, शंकरनाथ, पदमचन्द जैन, सुरेश गुर्जर, महेश वरजानी, बाबू भाई, सुरेश काकाणी, रामप्रसाद मोर्य, अजीत चौधरी, हंसराज भडाणा, अमिताभ, पंकज सेन, दीपक, सुरेश, भूपेन्द्र, मनीष, कन्हेया लाल, देवानन्द, रामलाल, अजय, विनय, ओममाली आदि का विशेष योगदान महत्वपूर्ण रहा।