गैस सिलेंडर का झंझट खत्म,अब इससे बनेगा खाना
खुश खबरी: अब गैस सिलेंडर भरवाने का झंझट खत्म,
बाजार में आया है नया सौर ऊर्जा गैस चुल्हा
सरकार भी देगी इस पर सब्सिडी
सुखराम मीणा / दिव्यांग जगत
नई दिल्ली- आपको पता होगा की घरेलू गैस की कीमतों में लगातार बृद्धि होती चली जा रही है। जिसके कारण लोगों का भोजन बनाना अब महंगा होता चला जा रहा है। घरेलू गैस के सिलेंडर के दाम अब एक हजार रुपये से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में अब प्रत्येक मानव गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों से काफी परेशान है। अतः अब इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने रसोई गैस सिलेंडर का नया विकल्प प्रदान किया है। आपको बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अब आम लोगों के लिए सौर ऊर्जा का चूल्हा पेश किया है। इस चूल्हे की खास बात यह है कि यह चूल्हा रात में भी काम कर सकेगा।
इस तरह से काम करेगा ये सोलर पैनल का चूल्हा-
आपको बता दें कि इस चूल्हे के साथ आपको एक सोलर पैनल मिलता है। जो बाहर की धूप से ऊर्जा को इकट्ठी कर इस चूल्हे को जलाता है। इसके कारण बिना धूप में बैठे ही आप इससे तीनों समय का भोजन पका सकते हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के घर पर एक प्रोग्राम में इस चूल्हे पर ही भोजन को पका कर सभी को दिया गया। पुरी ने बताया की इस चूल्हे को खरीदने की लागत तथा इसके रख रखाव के लिए किसी प्रकार के खर्च की आवश्यता नहीं है। इस चूल्हे को पारंपरिक ईंधन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी दे दें कि इस चूल्हे को फरीदाबाद में आईओसी के अनुसंधान और विकास विभाग ने निर्मित किया है।
चूल्हे का नाम है सूर्य नूतन सोलर चूल्हा-
आईओसी के निदेशक (आरएंडडी) एस एस वी रामकुमार ने इस चूल्हे के बारे में बताते हुए कहा कि इसको “सूर्य नूतन” नाम दिया गया है। रामकुमार ने बताया कि आज चूल्हा सौर कुकर से अलग है। ऐसा इसलिए है क्यों की इसको धूप में नहीं रखना पड़ता है। रामकुमार ने आगे बताया की इस चूल्हे से चार सदस्यों वाले परिवार का तीन समय भोजन आसानी से बनाया जा सकता है।
कीमत भी है बेहद कम, आम आदमी की पहुँच मे होगी कीमत-
आईओसी ने अभी इस चूल्हे का प्रारंभिक मॉडल पेश किया है। आने वाले समय में जल्दी ही इसका कमर्शियल मॉडल भी पेश किया जाएगा। फिलहाल देशभर में 60 स्थानों पर इसकी टेस्टिंग की जा चुकी है। आईओसी के मुताबिक इस चूल्हे की कीमत 18 से 30 हजार रुपये के बीच हो सकती है। इसके अलावा सरकार की ओर से इस पर सब्सिडी भी दी जाएगी। जिसके बाद इसकी कीमत 10 से 12 हजार रुपये हो सकती है। साथ ही सरकार का कहना की इससे लोगों के बीच पर्यावरण संरक्षण का सकारात्मक संदेश जाएगा और लोगों को आर्थिक नुकसान भी कम होगा।