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उनियारा उपखण्ड क्षेत्र में बारिश ने फिर मचाया तबाही का मंजर, किसानों की अपार मेहनत पर फिरा पानी,किसानों की फिर टूटी कमर।

उनियारा उपखण्ड क्षेत्र में बारिश ने फिर मचाया तबाही का मंजर, किसानों की अपार मेहनत पर फिरा पानी,किसानों की फिर टूटी कमर।
अशोक सैनी/ दिव्यांग जगत।
उनियारा/टोंक।
उनियारा उपखण्ड क्षेत्र में बारिश ने तबाही का मंजर मचा दिया है।इस वर्ष अधिक बारिश ने फेरा किसानों की मेहनत तथा उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।जिसके चलते हुए किसानों की कमर टूट गई है।अब तो किसानों की निगाहें मात्र सरकार पर टिकी हुई हैं । ताकि किसानों को कुछ लाभ मिल सके। जानकारी अनुसार तहसील क्षेत्र में सोयाबीन,उड़द,मूंग तथा बाजरा की फसल में नुकसान होने का अनुमान ज्यादा है। इस वर्ष अधिक हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। इस बारिश के कारण फसलों में 80 से 90 फिसदी नुकसान हो चुका है। इस बारिश से खेतों में कटकर पडी सोयाबीन,उड़द,मूंग,बाजरा तथा मक्का की फसलें बर्बाद हुई है।दो दिन तक रुक- रुक कर तथा कभी तेज तो कभी मध्यम गति से हुई बारिश से बांधों, तालाबों में पानी की आवक बढ़ी है।लेकिन किसानो के लिए यह बर्बादी की बारिश साबित हुई है। अधिकांश खेतों में कटी ऑडी फ़सल खराब हो गई। खेतों में पानी भरने से फ़सले तैरने सी लगी है।करीब सवा तीन माह की तैयार हुई फ़सल दो ही दिन में नष्ट सी हो गई है।अब किसानों की हालत खस्ताहाल हो गई है।उनकी दीवाली भी सूखी ही मनने की संभावनाएं बन गई है। यानी कि उनके चेहरे पर इस बार त्योहार की खुशी नजर नहीं आएगी। किसानों की 80-90 प्रतिशत फ़सले खराब हो गई है।साथ ही अब खेतों में पानी भरने से सरसों की बुआई भी लेट होगी। जिससे सरसों रकबा घटनें की पूरी संभावना हो गई है।अब किसान देरी से बोई जाने वाली फ़सल गेहूं,चना,जौ,मसूर की फसलों को ज्यादा बोएंगे।वहीं बारिश होने की वजह से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।सोयाबीन के लिए अक्टूबर में हो रही बारिश ज्यादा आफत बनी हुई है।किसानो की पककर तैयार हुई सोयाबीन की फसल बारिश में खराब हो रही है।फसल खेतों में ही अंकुरित होने लग गई है।किसानों को इस साल दोहरी मार पड़ेगी क्योंकि पहले ही अतिवृष्टि से खरीफ की फसलें खराब हो गई है।

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