अनामिका जैन अम्बर ने कही यह बड़ी बात
उम्र केवल एक संख्या नही बल्कि हर क्षण के अनुभवों का समायोजन है। जो जितना जी गया उसे उतना अनुभव।
अंबिकापुर कवि सम्मेलन के मार्ग में एक स्थान पर रुकना हुआ। वहां एक बूढ़ी अम्मा मिली जिनकी आयु 117 वर्ष थी। देर तक उनके पास बैठने का मौका मिला, बात हुई, उनकी लगभग बिना मांस की देह जो की सिकुड़ी हुई खाल से आवरणरत थी उसका स्पर्श उनकी इस यात्रा का प्रमाण दे रहा था।
उनसे हुई इस भेंट में जैसे मैने अपने इस जीवन के झरोखे से उनकी आयु में स्वयं को देखा हो। क्या क्या सोचा, क्या क्या नही लिखना सरल नही बस महसूस किया जा सकता है।
अनामिका जैन अम्बर