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दिव्यांगों के साथ धोखा,खत्म हुआ 4 प्रतिशत आरक्षण

 दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिव्यागों को मिलने वाले आरक्षण के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सरकार ने दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाला 4 फीसदी आरक्षण का कोटा हटा दिया है। केंद्र ने आईपीएस, रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली से पुलिस बल और केंद्रीय के सभी लड़ाकू पदों पर विकलांगों के लिए 4% नौकरी आरक्षण हटा दिया है। इसके अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स सहित सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को भी इसमें शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि राजपत्र अधिसूचनाओं के अनुसार सरकार ने कुछ प्रतिष्ठानों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (Rights Of Persons With Disabilities Act, 2016) के दायरे से छूट दी है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार में आरक्षण प्रदान करता है। इस अधिनियम के तहत दिव्यांगजनों को पुलिस बल, रेलवे सुरक्षा बल जैसी इकाइयों में नियुक्तियों में चार फीसदी आरक्षण मिलता था, जो अब खत्म कर दिया गया है।

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विपक्षी पार्टियां और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि समानता के अवसर और समाज के पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की बात करने वाली बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का यह फैसला चौंकाने वाला है। दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में आरक्षण के प्रावधान को खत्म किए जाने की जानकारी दी गई है।

किन लोगों को होगा नुकसान

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि धारा 20 से छूट का उक्त लड़ाकू सेवाओं के तहत पहले से कार्यरत दिव्यांग व्यक्तियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दिव्यांगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच (एनपीआरडी) ने कहा कि सरकार ने धारा 34 के तहत प्रावधान का ‘दुरुपयोग’ किया है, जो इस तरह की छूट देता है। एनपीआरडी के महासचिव मुरलीधरन ने कहा कि यह फैसला प्रावधान की भावना और मंशा के खिलाफ है। पहली अधिसूचना को अस्वीकार्य बताते हुए एनपीआरडी ने इसे वापस लेने का आह्वान किया है।

सरकार ने क्यों लिया फैसला

इस संबंध में दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग की सेक्रेटरी अंजलि भावरा ने कहा कि नोटिफिकेशन से सब पता चलता है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर आने वाले दिनों में दिव्यांग जनों की ओर से विरोध देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इन सेवाओं में आमतौर पर फील्डवर्क होता है। शायद इसी वजह से केंद्र सरकार ने इनमें दिव्यांग आरक्षण को खत्म करने का फैसला लिया है।

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