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आज का दिन: अमरिंदर सिंह की अमित शाह से मुलाकात, सिब्बल की कांग्रेस को सख्त हिदायत

पंजाब की सियासत में जारी उठापटक के बीच अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की. उधर, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में कई बड़े फैसले हुए. इन सबके साथ सुनिए गुरुवार की बड़ी खबरें आज तक रेडियो पर…

एक दिन बीतता नहीं कि खुद को संभालती हुई नज़र आती कांग्रेस फिर लड़खड़ाने लगती है. मंगलवार दोपहर दो युवा नेताओं के कांग्रेस का दामन थामने को मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा था तो कल का दिनभर पार्टी के लिए उथल-पुथल से भरा रहा. था एक वक़्त जब कांग्रेस पार्टी ही सबकुछ हुआ करती थी, इस पार्टी में शामिल होने के लिए दिग्गज़ नेताओं की लाईन लगी रहती, लेकिन अब वक़्त बदल चुका है, भाजपा केन्द्र और राज्यों में मजबूत होती चली गई और कांग्रेस कमजोर. कई बार रिवाइवल की बात की गई, लेकिन वो महज़ बात ही रह गई. अपने बल बूते पार्टी तीन राज्यों में है लेकिन इन राज्यों में जो रार है, मालूम नहीं कब, कहां किला ढह जाए.

कांग्रेस के इस सियासी उठापटक के बीच अब उसके नेतृत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं जो कि स्वाभाविक भी है. कांग्रेस के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल ने कल बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा कि पता नहीं, कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है. जानते हुए भी हम नहीं ये बात जानते. लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं इस पर सोचने की जरूरत है और कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाकर इन चिंताओं पर बात करने की ज़रूरत है. उन्होंने पार्टी छोड़कर जाने वाले सभी कांग्रेसी नेताओं से लौटने की भी अपील की. लेकिन, कॉंग्रेस पार्टी जिस तरह से चौतरफ़ा टूट फूट और अंतर्कलह की ख़बरों से घिरी है, छतीसगढ़ से लेकर पंजाब तक, उस ऐन बीच में, कपिल सिब्बल ने ये जो कुछ बातें बड़ी सख़्त लहज़े में की हैं, किस तरह के प्रेशर को बिल्ड अप करने की ये कोशिश है? और पेंच क्या है जो कांग्रेस इतने लंबे समय से अध्यक्ष नहीं चुन पा रही है?

पंजाब कैबिनेट गठन से नाराज़ हो कर नवजोत सिंह सिद्धू अपना इस्तीफा दे चुके हैं, अब चूंकि अमरिंदर के इस्तीफे़ के बाद सिद्धू के बगै़र कांग्रेस पंजाब में चलना नहीं चाहती सो मान-मनौवल का भी दौर चला, पर सिद्धू माने नहीं. उन्होंने वीडियो सन्देश जारी करते हुए कुछ तीन शर्तें पार्टी के सामने रखीं और साफ किया कि इन शर्तों को पार्टी नेतृत्व माने तो मैं पद पर लौटूंगा. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री चन्नी कन्नी काटते ही दिखे, सिद्धू से जुड़े सवाल वो अब तक टालते ही रहे. उधर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस नेतृत्व से नाराज़गी के बीच दिल्ली पहुंचे थे, भाजपा नेताओं से मिलने के कयासों को उन्होंने ये कह के विराम दिया था कि मैं दिल्ली अपना घर खाली करने आया हूं, पर कल शाम उन्होंने अमित शाह से भी मुलाकात कर ली. तो कुल मिला कर कांग्रेस के लिए पंजाब अब तक पजल ही बना हुआ है. तो अब सिद्धू की वो तीन शर्तें क्या हैं, और अमरिंदर उधर दिल्ली में अमित शाह से मिले हैं, कयास हैं कि वो भाजपा जॉइन कर रहे हैं, कुछ ख़बरें तो ये भी कह रही हैं कि उन्हें कोई केंद्रीय मंत्रालय भी दिया जा सकता है, इन ख़बरों में कितनी सच्चाई है?

पंजाब कैबिनेट गठन से नाराज़ हो कर नवजोत सिंह सिद्धू अपना इस्तीफा दे चुके हैं, अब चूंकि अमरिंदर के इस्तीफे़ के बाद सिद्धू के बगै़र कांग्रेस पंजाब में चलना नहीं चाहती सो मान-मनौवल का भी दौर चला, पर सिद्धू माने नहीं. उन्होंने वीडियो सन्देश जारी करते हुए कुछ तीन शर्तें पार्टी के सामने रखीं और साफ किया कि इन शर्तों को पार्टी नेतृत्व माने तो मैं पद पर लौटूंगा. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री चन्नी कन्नी काटते ही दिखे, सिद्धू से जुड़े सवाल वो अब तक टालते ही रहे. उधर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस नेतृत्व से नाराज़गी के बीच दिल्ली पहुंचे थे, भाजपा नेताओं से मिलने के कयासों को उन्होंने ये कह के विराम दिया था कि मैं दिल्ली अपना घर खाली करने आया हूं, पर कल शाम उन्होंने अमित शाह से भी मुलाकात कर ली. तो कुल मिला कर कांग्रेस के लिए पंजाब अब तक पजल ही बना हुआ है. तो अब सिद्धू की वो तीन शर्तें क्या हैं, और अमरिंदर उधर दिल्ली में अमित शाह से मिले हैं, कयास हैं कि वो भाजपा जॉइन कर रहे हैं, कुछ ख़बरें तो ये भी कह रही हैं कि उन्हें कोई केंद्रीय मंत्रालय भी दिया जा सकता है, इन ख़बरों में कितनी सच्चाई है?

और पीएम मोदी की अगुआई में बुधवार को कैबिनेट मीटिंग हुई. कैबिनेट मीटिंग में इस बार देश मे चल रही एक्सपोर्ट सेवाएं चर्चा का अहम मुद्दा रहीं और यही वजह है कि इस बार केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट और स्टॉक एक्सचेंज को लेकर कई एलान किए हैं. तो केंद्र की कैबिनेट मीटिंग में इस बार क्या-कुछ खास रहा और भारत सरकार का एक्सपोर्ट सेवाओं को लेकर क्या रुख है, छोटे एक्सपोर्टर्स को फायदा होने के आसार हैं या नहीं?

और उत्तरप्रदेश के में एक सड़क का नाम बदला जाना चर्चा बटोर रहा है. मामला यूं है कि इस सड़क का नाम इसके पहले ‘घटिया आजम खान’ था और अब प्रदेश सरकार ने अशोक सिंहल मार्ग कर दिया है. तमाम तरह के तर्क-कुतर्कों के बीच आगरा में आजतक रेडियो रिपोर्टर अरविंद शर्मा ने वहाँ स्थानीय लोगों से इस नाम को बदले जाने पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की है. तो सीधे ग्राउंड रिपोर्ट के अलावा ऊपर दी गई ख़बरों पर विस्तार से बात, हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए ‘आज का दिन’ में अमन गुप्ता के साथ.

LALIT Kumawat
Author: LALIT Kumawat