शांति धारीवाल के चक्रव्यू में फंसा विपक्ष, विधानसभा में करना पड़ा बिल का समर्थन
Jaipur : राजस्थान विधानसभा में आज राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच तीखी तकरार देखने को मिली. हालांकि शांति धारीवाल ने ऐसा दांव खेला की विपक्ष ने जनमत जानने के लिए प्रस्तावित प्रस्ताव ना केवल वापिस लिया बल्कि बिल का समर्थन भी करना पड़ा.
राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में आज राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्री शांति धारीवाल और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच तीखी तकरार देखने को मिली. शुरू में जहां विपक्ष के विधायक इस संशोधन बिल का विरोध करते हुए नजर आए राजेंद्र राठौड़ ने तो इस बिल पर जनमत जाने का प्रस्ताव रख दिया, लेकिन मंत्री शांति धारीवाल ने ऐसी चाल चली कि विपक्ष के पास बिल का समर्थन करने के अलावा कोई और चारा नहीं रहा. विपक्ष के विरोध के जवाब में शांति धारीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार किए गए संशोधन और केंद्र के निर्देश के अनुसार ही प्रदेश में इस संशोधन विधेयक को लाया गया है.
राज्य सरकार ने अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे में अब भी भाजपा (BJP) यदि इसका विरोध करती है या फिर जनमत के लिए भेजने की बात कहती है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह जानकारी देंगे कि उनके किये गए संशोधन को राजस्थान में उन्हीं के पार्टी के भाजपा विधायकों ने नहीं करने दिया. वरना विपक्ष बिना बहस के इस बिल को पारित होने दे. इसके बाद विपक्ष के कम सदस्यों की मौजूदगी में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चर्चा में हिस्सा लिया और जीएसटी को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमले किए और साथ ही यह भी कहा कि मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में कभी भी पेट्रोल डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने की मांग नहीं उठाई. इस दौरान धारीवाल और राजेंद्र राठौड़ में छींटाकशी के साथ लंबी तकरार भी चली.
इस संशोधन विधेयक की चर्चा में भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने भी हिस्सा लिया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस सरकार पर कुछ हमले करने के बाद यह कह दिया कि वह जनमत के लिए भेजने के प्रस्ताव को वापस लेते हैं और इस विधेयक को पास करने का समर्थन करते हैं. अशोक लाहोटी ने आरोप लगाया है कि सरकार उधार के पैसे से घी पी रही है.
राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2021 पास तो हो गया, लेकिन इस दौरान सदन में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की एक बार फिर चातुर्यत दिखी वहीं विपक्ष की कमजोर रणनीति भी खुलकर सामने आ गई. दरअसल केंद्रीय निर्देश देने के बाद रखे गए इस विधेयक पर भाजपा के पास बोलने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था.