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महिला ने अपने सुसराल में गांव की हथाई में भारत का संविधान की उद्देशिका या प्रस्तावना का शिलालेख किया

“संविधान दिवस” यानी की “अधिकार दिवस” पर

शाबाश सुनीता शाबाश

महिला ने अपने सुसराल में गांव की हथाई में भारत का संविधान की उद्देशिका या प्रस्तावना का शिलालेख किया

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । अजमेर जिले से 30 किलोमीटर की दूरी और श्रीनगर पंचायत समिति से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फरकिया ग्राम पंचायत के हाथीपट्टा गांव की बहु सुनीता रावत ने मिसाल कायम है,,,जिसकी कल्पना कभी नहीं कर सकते है । सुनीता रावत ने अपने गांव में उद्देशिका स्थापना की!!
नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा द्वारा फीता काटकर ,,गांव में समानता,एकता, अखंडता संप्रभुता भाईचारा, बंधुता,सामाजिक न्याय,व्यक्ति की गरिमा, अभिव्यक्ति की आजादी की भाव प्रकट किए ।
भारत का संविधान की उद्देशिका या प्रस्तावना,संघ,मौलिक अधिकार,राज्य के नीति निदेशक तत्व,संविधान ने नागरिकों को अधिकार मिला हैं,महिलाओं, बच्चों,किसान,एससी, एसटी और ओबीसी,वंचित ,शोषित पीड़ित व्यक्ति के हक और अधिकार के बारे में ,,,,आए दिन होने वाले अत्याचार,जातिवाद, छुआछूत,भेदभाव और महिलाओं के साथ आए दिन रेप करके मारा जाता हैं क्यों किसलिए❓
समाज में फैली अंधविश्वास, पाखंडवाद सामाजिक कुरीतियां, मुत्युभोज,नुक्ता, दहेज-प्रथा,नशा को त्यागने से ही समाज का भला होगा!!
इस दौरान सुनीता रावत,समाजिक कार्यकर्ता हरीराम जाट (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा),रामधन देतवाल,नंद किशोर निहाल (पप्पू ),ओम , डा. S.k. बैरवा(एमडीएसयू) ,हेमराज ,अर्जुन राम, सरपंच सोनू पंडियार,रामसिंह , शैतान ,अर्जुन , पुरनमल
वार्ड पंच और ग्रामीण मौजूद थे।

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