Rajasthan: अश्लील वायरल वीडियो केस में RPS हीरालाल सैनी 17 सितंबर तक SOG की रिमांड पर
Hiralal Saini viral video case: अश्लील वायरल वीडियो के मामले में निलंबित एवं गिरफ्तार आरपीएस हीरालाल सैनी को कोर्ट ने आगामी 17 सितंबर तक एसओजी (SOG) को रिमांड पर सौंप दिया है. एसओजी अब हीरालाल सैनी से इस मामले को लेकर पूछताछ करेगी.
जयपुर. अश्लील वायरल वीडियो (Porn viral video) के मामले में गिरफ्तार कि गये राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी हीरालाल सैनी (Hiralal Saini) को कोर्ट ने 17 सितंबर तक एसओजी (SOG) को रिमांड पर सौंप दिया है. अब एसओजी आरोपी हीरालाल सैनी से अश्लील वीडियो मामले में पूछताछ करेगी. सैनी के अजमेर जिले के ब्यावर वृत्त के पुलिस उपाधीक्षक पद पर रहने के दौरान हाल ही में एक महिला कांस्टेबल के साथ स्वीमिंग पूल में नहाते हुए दो अश्लील वीडियो वायरल हुए थे. इसमें महिला कांस्टेबल का एक बच्चा भी साथ था. वीडियो में उसके साथ भी अश्लीलता के दृश्य हैं. इन वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
पुलिस मुख्यालय ने आरोपी आरपीएस हीरालाल सैनी समेत इस मामले लीपापोती करने वाले करीब आधा दर्जन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. उसके बाद एसओजी ने आरोपी हीरालाल सैनी को उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया था. एसओजी ने शनिवार को आरोपी आरपीएस हीरालाल सैनी को जयपुर में मजिस्ट्रेट रेखा शर्मा के सामने उनके निवास पर पेश किया. वहां एसओजी ने आरोपी का रिमांड मांगा. मजिस्ट्रेट ने आरोपी आरोपी हीरालाल सैनी को 17 सितंबर तक रिमांड पर एसओजी को सौंपने के आदेश दिए हैं.
राजस्थान पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है इन वायरल वीडियो से राजस्थान पुलिस की प्रदेशभर में खूब किरकिरी हो रही है. वीडियो वायरल होने के बाद डीजीपी ने तुरंत एक्शन लेकर ताबड़तोड़ कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इस केस में हीरालाल समेत अब तक दो अन्य आरपीएस अधिकारी और 2 थानाधिकारियों निलंबित किया जा चुका है.
मोबाइल नहीं हुआ बरामद
जानकारी के अनुसार वीडियो किसने बनाया और वायरल कैसे हुआ एसओजी इसकी जांच कर रही है. एसओजी को अभी तक मोबाइल बरामद नहीं हुआ है. इस मामले में एसओजी को दो वीडियो मिले हैं. ये वीडियो पुष्कर के एक रिजॉर्ट में बनाए जाने की बात सामने आ रही है. इन वीडियो के वायरल होने के बाद से राजस्थान पुलिस पर कई तरह सवाल उठने लगे हैं. आरएलपी संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस केस को लेकर गहलोत सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.