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राजस्थान पंचायतीराज चुनाव: प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी, हार जीत का गुणा भाग लगा रहे हैं BJP-कांग्रेस के सूरमा

Rajasthan Panchayati Raj Elections: राजस्थान के जयपुर और जोधपुर समेत 6 जिलों में पंचायतीराज के चुनाव के लिये हुये मतदान के बाद अब मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इस बीच बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी कर दी है.

जयपुर. राजस्थान पंचायतीराज चुनाव (Rajasthan Panchayati Raj Elections) की मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. मतगणना में महज 24 घंटे बाकी हैं. उम्मीदवार बेचैन हैं. सियासत (Politics) ने उन्हें बाड़ेबंदी में कैद कर दिया है. कहीं टाइम पास करने के लिए गीत गाये जा रहे हैं तो कहीं भजनों का दौर चल रहा है. चुनावों को लेकर मरुधरा में सियासी पर्यटन पूरे परवान पर हैं. धर्म स्थलों से लेकर पिकनिक स्पॉट्स तक सियासी पर्यटन से सरोबार है. मरुधरा की सियासी फिजां में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जीत के गीत गुनगुना रहे हैं. बीजेपी-कांग्रेस के राजनीतिक सूरमा चुनाव में एक दूसरे को पटखनी देने का दावा कर रहे हैं.

पिछले 3 दिन से घर बार छोड़ खाटूश्यामजी में बाड़ेबंदी में बंद सांभर और रेनवाल पंचायत समिति की महिला कांग्रेस उम्मीदवार प्रभु श्याम से लेकर बालाजी महाराज के हरिजस गा रही हैं. जीत की प्रार्थना कर रही हैं. कांग्रेस नेता विद्याधर सिंह इसे प्रशिक्षण करार दे रहे हैं और बाड़ेबंदी का दोष बीजेपी पर मढ़ रहे हैं. काउंटिंग शनिवार को होनी है. इससे पहले उम्मीदवारों को बाड़ों में बंद कर दिया गया है. भरतपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर और सिरोही तक यही माहौल है. उम्मीदवारों से मोबइल की आजादी छीन ली गई है. रिजॉर्ट्स से लेकर होटलों तक में पहरे बिठा दिए गए हैं.

प्रमुख और प्रधान बनाने के लिए गोटियां बिठाने में जुटे हैंबीजेपी कांग्रेस दोनों के दिग्गज हार जीत का गुणा भाग लगा रहे हैं. एक दूसरे के खेमों में सेंधमारी के लिए जोड़ तोड़ की कोशिशें शुरू हो गई हैं. दोनों ही दलों को भीतरघात का खतरा है. सियासी सूरमाओं को प्रमुख और प्रधान बनाने के लिए गोटियां बिठाने में जुटे हैं. लेकिन उन्हें को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. प्रलोभन का प्रपंच भी इन चुनावों में सिर चढ़कर बोलता है. सियासी निष्ठाएं खोखली साबित हो जाती है. इसलिए बाड़ेबंदी में एकजुटता और पार्टी के प्रति वफादारी सिखाई जा रही है. बीजेपी को कांग्रेस का तो कांग्रेस को बीजेपी का डर सता रहा है. निर्दलीय कई जगह किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं. जिताऊ निर्दलीयों पर डोरे डाले जा रहे हैं. बहरहाल जो जीतेंगे वो जिला प्रमुख और प्रधान के चुनाव होने तक बाड़े में ही रहेंगे. जो हार जायेंगे उन्हें बाड़े से आजाद कर दिया जायेगा.

LALIT Kumawat
Author: LALIT Kumawat