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प्राइवेट स्कूल बस खाई में गिरी, 3 बच्चे व शिक्षिका घायल
40 बच्चे थे बस में सवार, चालक मौके से फरार ,खिड़की के शीशे तोड़ निकाले बच्चे।

प्राइवेट स्कूल बस खाई में गिरी, 3 बच्चे व शिक्षिका घायल
40 बच्चे थे बस में सवार, चालक मौके से फरार ,खिड़की के शीशे तोड़ निकाले बच्चे।
बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के अवैध रूप से संचालित है निजी विद्यालय में वाहन ।
अशोक सैनी/ दिव्यांग जगत।
उनियारा/टोंक। टोंक के उनियारा थाना क्षेत्र के झालरा गांव के पास एक प्राइवेट स्कूल की बस अनियंत्रित होकर रोड किनारे खाई में गिर गई। हादसे में बस में सवार महिला टीचर और 4 स्टूडेंट घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही आस पास के लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को बस से बाहर निकाला। सभी घायल बच्चों वह शिक्षिका को ककोड़ अस्पताल पहुंचाया। जहां एक बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसे टोंक रेफर कर दिया।
वहीं हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया।साथ ही इस दौरान उनियारा थाना के एसआई रतन लाल ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे फाइव डॉट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककोड़ की बस याकुबगंज, काली डूंगरी, झालरा आदि से अन्य दिनों की तरह स्टूडेंट्स लेकर स्कूल जा रही थी। इसी दौरान झालरा से करीब आधा किमी दूर बस अनियंत्रित होकर रोड किनारे खाई में गिर गई। सूचना मिलने पर आस पास से लोग मौके पर पहुंचे और बस की खिड़की के शीशे तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। इस हादसे में झालरा निवासी स्कूल टीचर शिमला मीणा (40), के अलावा क्लास 10 में पढ़ने वाले बृजेश गुर्जर (16), क्लास 8 में पढ़ने वाले कुलदीप गुर्जर (14), मेहन्दवास थाना याकुबगंज निवासी विवेक जांगिड़ (14) घायल हो गए। इसके अलावा करीब 10 बच्चों को मामूली चोट आई है।

बगैर फिटनेस के अवैध रूप से संचालित है निजी विद्यालय में वाहन

टोंक जिले के कई निजी विद्यालय में संचालित बाल वाहिनी वाहन बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के धड़ल्ले से स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने में काम में आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार बच्चों को ले जाने वाले वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं बने हुए हैं। और बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के पुराने खटारा वाहन स्कूलों में लगे हुए हैं, जिनसे कहीं बाहर हादसे होने से बच्चों की जान जोखिम में पड चुकी है। वह पूर्व में भी अवैध रूप से बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के संचालित स्कूल बसों के दुर्घटना होने से बच्चों की जान जा चुकी है लेकिन भ्रष्टाचार के चलते आज तक कहीं निजी विद्यालय के वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच तक नहीं की गई। जिले में यही हालत रही तो और भी हादसे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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