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भीषण गर्मी में मनरेगा श्रमिक की बिगड़ी तबियत , मामला जेठाना गांव का

भीषण गर्मी में तबीयत बिगड़ने से मनरेगा श्रमिक की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया गया, मामला जेठाना गांव का

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । प्रदेश में पड रही भीषण गर्मी और मनरेगा स्थल पर छाया पानी का प्रबंध नहीं होने से मनरेगा श्रमिकों की रही तबीयत खराब हो रही है। जिले में तेज गर्मी के चलते बुधवार को जेठाना ग्राम में नरेगा कार्य के दौरान कार्य करते समय एक महिला श्रमिक की अचानक तबीयत बिगड़ने से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। गौरतलब है कि भीषण गर्मी के चलते श्रमिकों को तपती धूप एवं गर्मी में कार्य करना पड़ रहा है। मनरेगा कार्य स्थल पर टेन्ट छाया की व्यवस्था नहीं होने के साथ कई मनरेगा स्थलों पर पानी की गाड़ी की भी व्यवस्था नहीं हो रखी है ।

वहीं तेज धूप में मनरेगा श्रमिकों को आसपास के बबूल एवं अन्य झाड़ियों की छाया में बैठने को मजबूर होना पड़ता है। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र में श्रमिकों की तबीयत खराब होने के समाचार भी आते रहते हैं । जेठाना निवासी नरेगा मेट बी एल बेरवाल ने बताया कि गांव में नरेगा योजना के अंतर्गत कोआपरेटिव सोसायटी से नायक के खेत सीमा तक ग्रेवल सड़क का कार्य चल रहा था। इसी दौरान कार्य करने के दौरान महिला श्रमिक जीवणी पत्नी काना जिसका जोबकार्ड नं1426 की अचानक तबीयत बिगड़ने से चक्कर खाकर नीचे गिर गई। जिसे उसने व अन्य श्रमिकों ने स्थानीय राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों के द्वारा जांच के बाद उपचार किया गया। वहीं देरांठू क्षेत्र में भी शिकायत मिली है कि देरांठू क्षेत्र में चल रहे कर्ई मनरेगा स्थलों पर टेन्ट छाया की व्यवस्था नहीं है , कई स्थलों पर पानी की गाड़ी की व्यवस्था भी नहीं हो रखी , वही मेटो के पास पानी की गाड़ी के नाम से मस्टररोल में नाम चल रहे है। इस भीषण गर्मी में नरेगा श्रमिकों को घरों से बोतल में पानी भर कर लाना पड़ रहा है। जो थोड़ी देर में ही गर्म हो जाता है, जिससे इस भीषण गर्मी में नरेगा श्रमिकों को गर्म पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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