सत्तालोलुप कांग्रेस का क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे का सबसे बड़ा उदाहरण है आपातकाल – जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव
सत्तालोलुप कांग्रेस का क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे का सबसे बड़ा उदाहरण है आपातकाल – जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव
दिव्यांग जगत पंडित पवन भारद्वाज
नीमराना आज भारतीय जनता पार्टी जिला अलवर उत्तर जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव के नेतृत्व में पंचायत समिति नीमराणा के ग्राम माजरा में बाबा भीमराव अंबेडकर स्मारक पर काला दिवस के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया । जिला अध्यक्ष बलवान सिंह यादव संबोधित करते हुए कहा भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून को हमेशा काली तारीख के तौर पर याद किया जाएगा। इसी दिन साल 1975 में कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। आज इसके 46 साल पूरे हो गए हैं। देश में 22 महीने तक आपातकाल लागू रहा। पूरा भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।
जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव ने कहा इस दिन 47 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के सत्ता लालच ने देश में आपातकाल लागू करवा दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, विधायिका, भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता व अधिकार, सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। आपालकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने कानून में संशोधन करवा कर यह कह दिया कि इस आपातकाल को कोई भी न्यायालय में चुनौती नहीं दे सकता, साथ ही यह भी यह भी संशाधन करवा दिया गया कि प्रधानमंत्री के मेम्बर ऑफ पार्लियामेंट को भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती, इन दोंनो कानूनों को मोरारजी देसाई की सरकार में पुनः संशोधन कर इनको हटवाया गया।
मुख्य वक्ता किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि सन् 1973 में देश भर में बिगड़ते हुए आर्थिक हालात, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए। इंदिरा गांधी पर एकाधिकारवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जन आंदोलन शुरू हुआ और उसी के असर को दबाने के लिए 1975 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे अलोकतांत्रिक काल था। इस तरह देखा जाए तो इंदिरा गांधी ने अपने विरूद्ध उठ रही आवाजों को दबाने और खतरे में पड़ती कुर्सी को बचाने के लिए देशवासियों को आपातकाल की काली सुरंग में भेज दिया।
जिला महामंत्री उमेद सिंह भाया ने कहा स्वतंत्र भारत में आपातकाल को प्रेस की आजादी का गला गोंठने वाला कालखंड बताते हुए कहा कि तब प्रेस सेंसरशिप लगा कर चौथे स्तम्भ का ही नहीं लोकतंत्र का भी गला घोंटा गया व निरंकुश शासन के तहत आम नागरिकों तक पर अमानुषिक अत्याचार किये गए थे। आपातकाल की काली यादें देश आज भी नहीं भूला है, जब एक तानाशाह शासक के विरोध में उठी आवाजों को दबाने के लिए सवा लाख से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को 22 महीने के लिए जेलों में ठूंस दिया गया था। लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन के कारण अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी समेत कई विपक्षी नेताओं को यातनाएं सहनी पड़ी। भारतीय जनसंघ के सर्वाधिक कार्यकर्ताओं को जेल की शलाखों के भीतर अनेक महीने काटने पड़े। अनेक आम भारतीयों ने असहनीय यातनाएं को सहा। आपातकाल, कांग्रेस के दमन पर लगा यह एक ऐसा बदनुमा दाग है जो उसके लाख माफी मांगने के बावजूद धुलने वाला नहीं है। इंदिरा गांधी के इशारों पर संजय गांधी ने आपातकाल के दौरान देश भर में 83 लाख पुरुषों को जबरन नसबंदी करा दी ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हजारों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बल प्रयोग कर जेल में कैद कर लिया साथी संघ को प्रतिबंधित कर दिया मजबूरन हजारों स्वयंसेवकों ने प्रतिबंध के खिलाफ एवं मौलिक अधिकारों के हनन के खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनसंघ के कार्यालयों को जला दिया गया सामान लूट लिया गया इतना ही नहीं पकड़े गए नेताओं एवं सत्याग्रहीयों पर तरह तरह के अत्याचार किए गए ! 19 महीनों तक संघर्ष चला इस संघर्ष मजबूर होकर इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी 1977 को चुनाव की घोषणा की और 22 मार्च 1977 को आपातकाल समाप्त किया ! इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष महासिंह चौधरी जिला मंत्री डॉ नीलम यादव जिला प्रवक्ता सुनील यादव किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव भाजयुमो जिला अध्यक्ष अभयसिंह बिधूरी योगेश सिंह चौहान विजय सांवरिया आईटी जिला संयोजक पंडित वीरू भारद्वाज जिला पार्षद वेदप्रकाश खबरी दोसोद सरपंच नवरत्न यादव पूर्व सरपंच नरेंद्र शर्मा कुतीना सरपंच रविंदर चौहान कुलदीप विशेश्वर रामविलास गजेसिंह सिकंदर सिंह गजराज सरपंच एवं सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।