बुजुर्ग महिला को 1 हफ्ते तक किया डिजिटल अरेस्ट, उड़ाए 80 लाख,
बुजुर्ग महिला को 1 हफ्ते तक किया डिजिटल अरेस्ट, उड़ाए 80 लाख,
पुलिस ने 15 को दबोचा
मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर
अजमेर । साइबर धोखाधड़ी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग महिला को एक हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट कर उड़ाए 80 लाख, राजस्थान पुलिस ने 15 को दबोचा। अतिरिक्त महानिदेशक (एसओजी) वीके सिंह ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी के इस मामले में शातिरों ने एक बुजुर्ग महिला को एक हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा और उनके खाते से 80 लाख रुपये उड़ा दिए। आरोपियों ने इसके लिए 150 अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल किया। राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने अब पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
15 ठगों को दबोचा
इस घटना में आरोपियों ने अजमेर की एक बुजुर्ग महिला को निशाना बनाया। अब राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने गिरोह के 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त महानिदेशक (एसओजी) वीके सिंह ने एक बयान में बताया कि आरोपियों ने नवंबर महीने में इस घटना को अंजाम दिया था।
150 बैंक खातों का इस्तेमाल
ठगों ने अजमेर में बुजुर्ग महिला को एक हफ्ते तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर के रखा और अंततः क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए 150 अलग-अलग बैंक खातों में 80 लाख रुपये जमा कराए। एसओजी टीम ने आरोपियों से 13 लाख रुपये नकद, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 बैंक पासबुक, 15 चेक बुक, 16 सिम बरामद किया है।
कितनों को बनाया शिकार?
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है। जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह ने इस तरह से कितने लोगों को अपना निशाना बनाया। आरोपियों से इस तरह के अन्य मामलों में संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह ने अब तक कितने रुपयों की ठगी को अंजाम दिया है।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?/
बता दें कि डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों की ओर से ब्लैकमेल करने का ऐसा एडवांस तरीका है जिसके जरिए वे धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए पीड़ित पर नजर रखते हैं। अक्सर डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग खुद को पुलिस या कस्टम अधिकारी बता लोगों को धमकाते हैं। कुछ मामलों में पीड़ित को कोई दूसरा डर भी दिखाते हैं। साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट के दौरान लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए दबाव बनाते हैं। ठग डिजिटल अरेस्ट के दौरान पैसे भी अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कराते रहते हैं।