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ईद-उल-अज़हा धार्मिक परम्परानुसार मनाया।


ईद-उल-अज़हा धार्मिक परम्परानुसार मनाया।

दिव्यांग जगत / भूपेन्द्र सिंह पँवार

अरांई। कस्बे में ईद-उल-अज़हा का त्योहार मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा धार्मिक परंपरानुसार मनाया गया। खापरिया की पाल स्थित जामा मस्जिद में ईद की नमाज हुईं। बाद नमाज सामुहिक दुआ कर अमन – चैन और खुशहाली की कामना की गई। नमाज अता करने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने कुर्बानी की परंपरा का निर्वहन भी किया। गुरुवार को कस्बे की जामा मस्जिद में हाफ़िज़ तौफीक आलम ने बकरीद की विशेष नमाज अदा करवाई। नमाज के बाद ख़ुतबा हुआ। हाफिज तौफीक आलम ने इस्लाम मे कुर्बानी का महत्व समझाया। उन्होंने अपनी नूरानी तकरीर में कहा कि इस्लाम में कुर्बानी का बहुत बड़ा महत्व है। कुर्बानी की जो रस्म है, उसे अपने इस्लामी आइने के अनुसार ही मुसलमान को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कुर्बानी की बारीकियां लोगों को समझाई। नमाज के बाद अमन और शांति के साथ भाईचारे की दुआ मांगी। एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। अल्लाह से मोहब्बत को दुनिया की हर चीज से ऊपर रखने के जज्बे के साथ मुस्लिम लोगो ने कुर्बानी की। सरपंच रामस्वरुप नायक सहित कई लोगो ने मस्जिद पहुचकर गले मिलकर मुस्लिमों को ईद की मुबारकबाद दी। इस दौरान थानाधिकारी गुमान सिंह ने सुरक्षा और सुविधा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए। इस अवसर पर मोहसिन हसन, वार्ड पंच मजीद खान, सदर हाजी प्यार मोहम्मद, नायब सदर गफ्फार कुरैशी, अब्दुल सलाम, अब्दुल रफीक समसु लोहार, जमाल मोहम्मद, ज़िलानी कुरैशी, शौकत अली, शाहरुख पठान, रहमान खान, मोहम्मद असलम, अजीज मोहम्मद, ईशाक मोहम्मद, रऊफ मोहम्मद, अब्दुल कादिर खान, शोएब खान मिर्ज़ा, मोहम्मद अजहरूद्दीन सहित मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद की नमाज अदा की।

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