CRICKET NEWS :अगर आप CRICKET के शौकीन हैं तो यह खबर आपको चौंका देगी
17.4 ओवर हो चुके हैं। बोर्ड पर रन लगे हैं केवल 51 और भारत 4 विकेट गंवा चुका है। भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में 40 ओवर में 250 रन चेज करने हैं। अब मैदान पर एंट्री होती है संजू सैमसन की। दूसरे छोर पर श्रेयस अय्यर भी तुरंत ही क्रीज पर आए हैं। यहां से अगर कोई विकेट गिर जाता है तो आने वाले बल्लेबाज हैं शार्दूल ठाकुर। फिर ऐसे गेंदबाजों की फौज बल्लेबाजी के लिए आएगी, जिन्होंने कभी जिंदगी में ढंग से बैटिंग नहीं की है। क्या संजू बड़े मौके पर बड़ी पारी खेल पाएंगे? हर दिल में यही सवाल और जवाब लखनऊ के इकाना स्टेडियम से लाइव था।
18वें ओवर की अंतिम गेंद फ्लैटर डिलीवरी थी और आर्म से स्लाइड कर रही थी। केशव महाराज LBW की अपील करते हैं और संजू आउट करार दिए जाते हैं। फिर पता चलता है कि गेंद ने बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया है। DRS बचा लेता है। संजू जानते थे कि अगर आज फ्लॉप हो जाते हैं, तो दुनिया यही कहेगी कि यह बड़े मुकाबलों में खेलने लायक खिलाड़ी नहीं है। संजू को पहले इनिंग बनानी थी और फिर भारत के लिए मैच बनाना था। जिम्मेदारी बड़ी थी और 140 करोड़ देशवासियों की उम्मीद संजू के साथ खड़ी थी।
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19वें ओवर की अंतिम गेंद तबरेज शम्सी ने गुगली डाल दी। सैमसन ने पैरों का इस्तेमाल किया और क्रीज से आगे निकलकर गेंद की पिच तक पहुंच गए। गेंद को विथ द स्पिन मिडविकेट के ऊपर से छक्के के लिए खेल दिया। संजू ने बता दिया कि उनका इंटेंट ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत दिलाने का है। ‘द संजू सैमसन शो’ शुरू हो चुका था। इसके बाद दूसरे छोर से श्रेयस अय्यर लगातार चौकों की बौछार कर रहे थे और ऐसे में उस दौरान संजू ने उनको ज्यादातर स्ट्राइक देना बेहतर समझा। कोई ईगो नहीं, अगर तुम तेज रन बना रहे हो तो तुम खेलो। 21वें ओवर में अय्यर ने शम्सी के खिलाफ हैट्रिक चौके जड़ दिए। शुरुआत में जो भारत एक-एक रन के लिए तरस रहा था, इस पार्टनरशिप के बूते मैच में वापस आ गया था। जीत की आस जग गई थी।
आस्किंग रेट 10 के आसपास था और तभी 8 चौकों की मदद से 37 गेंदों पर श्रेयस ने अपनी फिफ्टी पूरी कर ली। संजू ने पूरे उत्साह से इसका जश्न मनाया। अब रन चेज को नए सिरे से आगे बढ़ाने को लेकर बात होती, इसके पहले ही श्रेयस की कमजोरी शॉर्ट पिच बॉलिंग यानी बाउंसर ने उनका काम तमाम कर दिया। लुंगी एंगीदी को पता था कि ज्यादा देर तक अय्यर ऐसी बॉलिंग नहीं झेल पाएंगे। एक शॉर्ट बॉल की एक्स्ट्रा बाउंस पर वह मात खा गए और बल्ले के सबसे ऊपरी हिस्से से लगकर गेंद मिडऑन के हाथों में चली गई। पारी जरूर अच्छी थी लेकिन यह भी बता गई कि श्रेयस आज भी शॉर्ट पिच बॉलिंग के आगे बेबस हो जाते हैं। आउट अय्यर हुए लेकिन परेशानी संजू की बढ़ गई थी।
अब भारत को जीत के लिए 80 गेंदों पर 132 रन चाहिए थे और संजू के साथ मैदान पर थे लॉर्ड शार्दूल। 27वें ओवर की आखिरी गेंद पर शफल करके शार्दूल ने एंगीदी की गेंद को फ्लिक किया और चौका बटोर लिया। इसके बाद शम्सी ने थोड़ी देर में लगातार 2 बार ठाकुर के खिलाफ DRS लिया। वह नॉट आउट करार दिए गए। अब सैमसन समझ गए थे कि रन रेट को काबू में लाना है तो उनको हर हाल में मोर्चा संभालना होगा। शार्दूल उस तरीके से गेंद को कनेक्ट नहीं कर पाएंगे।
पर्नेल के 33वें ओवर की दूसरी गेंद…! संजू पीछे हटे और गेंद को मिडविकेट की दिशा में चौके के लिए खेल दिया। क्या स्टाइलिश शॉट था…! ओवर की चौथी गेंद आउटसाइड ऑफ बैंक ऑफ लेंथ थी। संजू ने कीपर के बगल से नजाकत भरा शॉट खेलकर चौका बटोर लिया। 35वें ओवर की चौथी गेंद एंगीदी ने शॉर्ट डाली लेकिन शायद वह भूल गए कि सामने श्रेयस नहीं बल्कि संजू सैमसन हैं। जोरदार पुल शॉट और मिड विकेट बाउंड्री के ऊपर से करारा छक्का। दर्शकों में खासा उत्साह। बाकी बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बीच संजू अकेले उम्मीदें जिंदा रखे हुए थे। 35वें ओवर की दूसरी गेंद पर संजू ने अपने वनडे करियर की दूसरी फिफ्टी पूरी कर ली। पर असली काम बाकी था।
36वें ओवर में शम्सी की पांचवीं गेंद पर मिडविकेट की दिशा में चौका और अंतिम गेंद पर स्क्वायर लेग की तरफ बाउंड्री। संजू पूरी शिद्दत से लगे हुए थे। 37वें ओवर में रबाडा के खिलाफ तीन चौके जड़कर शार्दूल ने भी 14 रन बटोरे। 38वें ओवर की पहली गेंद एंगीदी ने स्लोअर फुलटॉस डाली और सैमसन ने इसे स्क्वायर लेग की तरफ धकेल कर चौका हासिल कर लिया। अब लग रहा था कि मंजिल दूर नहीं लेकिन तभी विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया। एंगीदी ने लगातार दो गेंदों पर ठाकुर और कुलदीप यादव को चलता कर दिया। भारत 211 के स्कोर पर 7वां विकेट गंवा चुका था और उसे जीत के लिए 14 गेंदों में 39 रन चाहिए थे।
6 गेंदों में 3 रन बनाकर 39वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आवेश खान भी रबाडा पर बड़ा प्रहार करने के चक्कर में आउट हो गए। अब आखिरी ओवर में जीत के लिए 31 रन चाहिए थे। फैंस को संजू से चमत्कार की उम्मीद थी। शम्सी की पहली गेंद शॉर्ट और मिडविकेट के ऊपर से गगनचुंबी छक्का। दर्शकों के शोर से मानो आसमान फटने पर आमादा था। दूसरी गेंद फिर शॉर्ट और स्क्वायर लेग की दिशा में एक बाउंस के बाद चौका। अब 4 गेंद पर 21 रन…! तीसरी गेंद पर बॉलर के सर के ऊपर से चौका। पांचवीं गेंद पर भी नॉन स्ट्राइकर के बगल से चौका। पर भारत जीत से 9 रन दूर रह गया।
संजू निराश थे और पसीने से लथपथ पवेलियन की तरफ बढ़ रहे थे। स्कोरबोर्ड दिखा रहा था 63 बॉल…137 की स्ट्राइक रेट… 86* रन… 9 चौके और 3 छक्के! आखिरी ओवर करने वाले तबरेज शम्सी संजू के कंधे पर हाथ रखकर कुछ कह रहे थे। अफ्रीकी कप्तान बावुमा ने बयान दिया कि संजू की बैटिंग देख कर डर लग रहा था। लग रहा था कि मैच निकल जाएगा। अब स्कोरबोर्ड यह भी दिखा रहा था… धवन(16 बॉल- 4 रन), गिल( 7 बॉल- 3 रन), ऋतुराज(42 बॉल- 19 रन), ईशान(37 बॉल- 20 रन)।
ऐसे में जो लोग संजू पर धीमी बल्लेबाजी का आरोप लगा रहे हैं, उनके लिए यही रहेगा कि ‘आंख का अंधा, नाम नयनसुख।’ संजू T-20 वर्ल्ड कप खेलने का हकदार था और नहीं खेल रहा है, तो उसमें बीसीसीआई का घाटा, उसका कुछ नहीं जाता…! वन मैन आर्मी!