आईएपी प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान 2024 तहत अजमेर आईएपी द्बारा मिस्ट मैजिक माड्यूल वर्कशॉप का किया आयोजन

आईएपी प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान 2024 तहत अजमेर आईएपी द्बारा मिस्ट मैजिक माड्यूल वर्कशॉप का किया आयोजन

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । आईएपी प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान 2024 के तहत अजमेर आईएपी द्वारा “मिस्ट मैजिक “”मॉड्यूल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें “पीडियाट्रिक ब्रीदिंग “वर्कशॉप शामिल था।
इस आयोजन में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के भूतपूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर शिशु रोग विभाग डॉ बीएस शर्मा ने अपना व्याख्यान दिया और एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पवन डारा ने नेबुलाइज़ेशन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
आईएपी अजमेर के प्रेसिडेंट डॉ अनिल जैन ने उनका स्वागत किया और आईएपी अजमेर के सेक्रेटरी डॉ रामेश गौतम और डॉ जेपी नारायण ने वर्कशॉप का आयोजन कराया। इस कार्यशाला में 44 शिशु रोग विशेषज्ञों ने पीडियाट्रिक ब्रीदिंग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए।
यह वर्कशॉप शिशु रोग विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन था, जिसमें उन्हें रेस्पिरेटरी डिज़ीज़ में नवीनतम जानकारी और तकनीकों के बारे में जानने का अवसर मिला।
आईएपी अजमेर द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप ने शिशु रोग विशेषज्ञों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में मदद की और बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
अजमेर में आयोजित कार्यशाला में शिशु रोग विशेषज्ञों ने नेबुलाइजेशन के महत्व पर चर्चा की। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि नेबुलाइजेशन बच्चों के की तकलीफ में कितना फायदेमंद होता है।
इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि सामान्य जन में नेबुलाइजेशन के प्रति कई मिथ और भ्रांतियाँ फैली हुई हैं, जिसकी वजह से वे नेबुलाइजेशन के प्रति अपनी रुचि नहीं दिखाते हैं। इससे मरीजों और बच्चों के उपचार में कठिनाई होती है।
इस कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें एरोसोल थेरेपी,
गुड नेबुलाइजेशन प्रैक्टिस,
हाइपरटोनिक सालाइन नेबुलाइजेशन, कॉर्टिकोस्टेरॉइड नेबुलाइजेशन और
एयरवे क्लीनिंग टेक्नीक
शामिल थे। इन सभी विषयों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की और डेमोन्स्ट्रेशन भी किया।
इस कार्यशाला में अजमेर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें डॉ पंकज तोशनीवाल, डॉ गौतम मोदी, डॉ लक्ष्मण सिंह चारण,डॉ संजीव,डॉ महेश हेमनानी,डॉ सुनील गोयल, डॉ महेश अग्रवाल, डॉ परसाराम, डॉ दिशा केवलवानी, डॉ सुरेन्द्र काजला, डॉ मनीष वर्मा, डॉ गिरिराज और डॉक्टर अमित यादव शामिल थे।
इस कार्यशाला से आईएपी के द्वारा समय-समय पर शिशु रोग विशेषज्ञों को अपने विशेषता में निरंतर अध्ययन कराकर नवीन तकनीक के द्वारा शिशुओं में उपचार संबंधी अपडेट्स दिए जाते हैं।
सभी शिशु रोग विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला का फायदा उठाते हुए अपने भविष्य में शिशुओं के उपचार में इसका अत्यधिक लाभ मिलने के लिए हर्ष जताया है।

Author: admin

Comments (0)
Add Comment