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दादा को पुकारते-पुकारते बोरवेल में गिरा था मासूम, मौत:160 फीट गहराई से निकली इकलौते पोते की बॉडी, कुछ मिनट पहले साथ खाना खाया

दादा को पुकारते-पुकारते बोरवेल में गिरा था मासूम, मौत:160 फीट गहराई से निकली इकलौते पोते की बॉडी, कुछ मिनट पहले साथ खाना खाया

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । बाड़मेर जिले में बुधवार शाम तीन बजे के आसपास एक मासूम की बोरवैल में गिरने से मौत हो गई ‌। दादा डालूराम ने बताया कि वो अपने पोते नरेश और दोहिती के साथ खाना खा रहा था। वो मेरा लाडला था, ज्यादातर मेरे पास आकर बैठ जाता था। मेरी आंखों के सामने बोरवेल में गिर गया। लेकिन मैं उसे बचा नहीं पाया। मैंने बोरवेल में भाग कर रस्सा भी डाला था, लेकिन पोता रस्सा पकड़ नहीं पाया। मेरा नरेश हमें छोड़ कर चला गया।
बुधवार दोपहर 4 बजे के उस भयानक मंजर को याद करते हुए अर्जुन की ढाणी छोटू गांव (बाड़मेर) के डालूराम जोर-जोर से रोने लगते हैं। पानी भरे बोरवेल से जब उनके इकलौते पोते की बॉडी बाहर आई तो वे बेसुध भी हो गए थे। डालूराम के घर के साथ बुधवार शाम से ही अर्जुन की ढाणी के सभी घरों में सन्नाटा पसरा है, किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला है। बोरवेल में 4 साल के मासूम की मौत से हर कोई कोई हैरान है, क्योंकि यहां पहले कभी कोई ऐसा हादसा नहीं हुआ था।
अचानक भागते हुए आया और बोरवेल में गिर गया

डालूराम ने बताया कि उनके घर के पास ही खेत पर नए बोरवेल की शिफ्टिंग का काम हो रहा था। बुधवार दोपहर करीब 4 बजे वे खाना खाकर ये काम देखने जा रहे थे। तभी पीछे से पोता नरेश (4) व दोहिती दोनों भागते हुए आए और नरेश इससे पहले कुछ संभल पाता वे मुझे आवाज देते हुए बोरवेल में गिर गया।
मासूम नरेश 165 फीट गहरे बोरवेल में करीब 100 फीट गहराई में फंसा था, लेकिन रेस्क्यू के दौरान 160 फीट पर चला गया। बोरवेल में पानी भरा हुआ था।
घटना की जानकारी मिलते ही कुछ मिनटों में पूरा गांव जमा हो गया है और प्रशासन को भी सूचना दी। लोकल लेवल में बच्चे को निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर बाड़मेर से पहुंची टीम ने बोरवेल में कैमरा डाला और बच्चे का मूवमेंट देखने की कोशिश की।

मां और परिवार का रो-रो कर बुरे हाल

एक ही बात मेरे बेटे को लाओ, बच्चे के बोरवेल में गिरने के साथ ही मां बेसूध हो गई। वहीं पूरे घर से चीखें ही सुनाई देने लगी। पिता पंजाब में गाड़ी लेकर गए हुए थे। अन्य दोस्तों के मार्फत पिता बाड़मेर के लिए रवाना हुए है। मासूम के चाचा और दादा के आंखो से आंसू रुक नहीं रहे थे। मां को पानी पिलाने के लिए महिलाओं ने प्रयास किया। लेकिन मेरे बेटे को लेकर आओ, मुझे कुछ नहीं चाहिए।

तीसरा देसी जुगाड़ रहा सफल

देसी जुगाड़ तकनीक एक्सपर्ट मेड़ा (जालोर) निवासी माधाराम के नेतृत्व में टीम करीब साढ़े 6 बजे मौके पर पहुंची। टीम ने पहले कैमरा डालकर अंदर के हालात को देखा। टीम ने सबसे पहले पीवीसी पाइप, रस्सी और तार से बच्चे का रेस्क्यू शुरू किया।
पाइप में टी लगाकर रस्सी का फंदा बनाकर अंदर डाला लेकिन इस तकनीकी से सफलता हाथ नहीं लगी।
फिर जुगाड़ टीम ने वहीं मौके पर ही वेल्डिंग से चार टांग वाला लॉक सिस्टम बनाया। उसको कैमरे की मदद से बोरवेल में भेजा गया। लेकिन यह जुगाड़ भी फेल हो गया।
माधाराम की टीम ने तीसरा जुगाड़ में दो टांग वाला लॉक सिस्टम बनाया।
जिसमें एक टांग को लंबा रखा वहीं दूसरी टांग को छोटा रखा। इससे लंबी टांग पूरे शरीर को नीचे पुश कर सके और छोटी टांग सिर के नीचे लॉक हो सकें। इस जुगाड़ से सफलता लगी और रात करीब 10 बजे बच्चे के शव को बाहर निकाला गया। जालोर के रहने वाले माधाराम सुथार बोरवेल में गिरे बच्चों को निकालने में एक्सपर्ट माने जाते हैं। बुधवार को भी उन्होंने बच्चे को निकालने के लिए अपने देसी जुगाड़ में कई बदलाव किए।
पानी से बाहर होता तो जीवित निकाल देता

माधाराम ने बताया कि पाइप के अंदर फंसे बच्चों को बाहर निकाला है, लेकिन यह बच्चा पाइप के नीचे पानी पहुंच गया है। मौके पर लोहे का देसी जुगाड़ बनाया। हमने अनुमान लगाया कि बच्चा यहीं पानी में होगा। पानी से बाहर होता तो मैं जीवित निकाल देता था। लेकिन पानी के अंदर होने की वजह से बच्चे को बचा नहीं पाए। हमने पहले भी सांचौर जिले में दो बच्चों को जीवित बाहर निकाला था।
एसडीआरएफ की टीम पहुंचने से पहले निकाला बाहर, एनडीआरएफ टीम पहुंची नहीं
एसडीएम केशव कुमार मीणा ने बताया- हमारा पहला प्रयास रहता है कि जब तक बाहर की टीमें नहीं आती है तो लोकल टीमों की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया गया। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम को बुलाया। एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई थी।
एनडीआरएफ की टीम गांधी नगर से रवाना हुई लेकिन पहुंची नहीं। माधाराम की टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं उन्होंने लोकल अपने देसी जुगाड़ से बच्चे के शव को बाहर निकाला। हमारा प्रयास रहेगा कि सरकार की तरफ से जो मदद परिवार को मिल सकती है। उसे दिलाई जाएगी।

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Author: admin