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लोहरवाड़ा टैंक स्थित मां भगवती वैष्णवी देवी मंदिर पर शस्त्र पूजा के साथ नवरात्री सम्पन्न

लोहरवाड़ा टैंक स्थित मां भगवती वैष्णवी देवी मंदिर पर शस्त्र पूजा के साथ नवरात्री सम्पन्न

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अखण्ड ज्योति के दर्शन कर धर्म लाभ प्राप्त किया

मुकेश वैष्णव/दिव्यांग जगत/अजमेर

अजमेर । अजमेर जिले का सुप्रसिद्ध मन्दिर नसीराबाद के कोटा रोड स्थित टैंक नंबर 5 पर मां भगवती वैष्णवी देवी मंदिर पर नवरात्रि महोत्सव का शनिवार को समापन हुआ । मन्दिर के पुजारी अरुण कुमार गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मां भगवती वैष्णवी देवी मंदिर पर नवरात्रि पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। नवरात्रि पर्व से पहले चौदस से ही नवरात्रि महोत्सव का आगाज़ शुरू हो जाता है। चौदस को माता का अभिषेक किया जाता है फिर माता को नवरात्रि का निमंत्रण दिया जाता है। नवरात्रि पर्व एकम से पूरे 10 दिन तक माता के मन्दिर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। एकम को नवरात्रा की स्थापना करते हैं। यहां पर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई जाती हैं। अष्टमी को हवन की पूर्णाहुति की जाती है जो पंचमी को शुरू होता हैं। नवरात्रि के अष्टमी को हवन व महाआरती होती है। आरती में प्रसाद वितरण किया जाता हैं। आरती के बाद जागरण किया जाता हैं। फिर दशमी को शस्त्र पूजा अर्चना कर नवरात्रि महोत्सव का समापन करते हैं। मन्दिर के सचिव आशीष गौड़ ने बताया की मन्दिर की बहुत सी विशेषताएं है उसी में से एक अखण्ड ज्योति है जिसको मंदिर के स्व. पंडित रामा शंकर जी ने कटरा जम्मू से करीबन 40 वर्ष पहले नसीराबाद लेकर आए थे । जिसका भव्य स्वागत किया गया था। नसीराबाद के निकटवर्ती ग्राम लोहरवाड़ा टैंक नंबर 5 पर नसीराबाद शहर से पैदल यात्रा निकाल के मन्दिर पर बड़ी ही धूमधाम से लोहरवाड़ा बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां शामिल हुए। इस मंदिर पर अनेकों चमत्कार की कहानियां सुन सकते है , जिनके काम सिद्ध हुए हैं। यहां पर सुबह मंदिर के पट खुलते है वो देर रात्रि पर ही बंद होते हैं। जबकि अधिकतर मंदिरों के दिन में भी पट बंद मिलते हैं। यहां अखण्ड ज्योति आज भी वैसे ही प्रजलित हैं। यहां से रामपूरा तेजा जी धाम और भी स्थानों पर अखण्ड ज्योति लेकर गए हैं। आपको बता दे यहां पर चार नवरात्रि पर्व मनाए जाते है। यहां नवरात्रि में 9 दिन माता के दर्शन 24 घंटे कभी भी कर सकते हैं। यहां की यह विशेषता शुरू से चलती आ रही हैं। मंदिर पर दशमी को शस्त्र पूजा कर के नवरात्रि पर्व का समापन विधिवत तरीके से किया जाता हैं। सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मन्दिर पर आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।

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